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शिवराज कैबिनेट की बैठक में हुए कई बड़े ऐलान, इन जिलों को मिली नए मेडिकल कॉलेज की सौगात

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट में कई अहम प्रस्ताव को स्वीकृति (Acceptance of many important proposals) दी गई। प्रदेश में चुनावी साल में चार आदिवासी जिलों समेत 6 नए मेडिकल खोलने का निर्णय लिया गया। इन कॉलेजों के खोलने के बाद प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 30 पहुंच जाएगी। 100-100 एमबीबीएस सीट के मेडिकल कॉलेज (Medical Colleges of MBBS Seat) भिंड, टीकमगढ़ के साथ चार आदिवासी जिले खरगोन, धार, बालाघाट और सीधी में खोलने की अनुमति दी गई है। इससे प्रदेश में 600 एमबीबीएस सीट में वृद्धि होगी। वहीं, बैठक में जिला स्तर के अधिकारी-कर्मचारियों के ट्रांसफर (transfer) अब सात जुलाई तक करने का निर्णय लिया है। अब तक ट्रासफर के लिए 15 जून से 30 जून तक तारीख तय की गई थी। इसके अलावा मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत युवाओं के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जुलाई के प्रथम सप्ताह में शुरू होगा। बैठक में सीएम ने मंत्रियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जल पुरस्कार में मध्य प्रदेश को पहला स्थान मिलने पर खुशी जताई।

सरकार लाडली बहना योजना कार्यक्रम फिर शुरू करेंगी। 10 जुलाई से अब कार्यक्रम में 21 वर्ष की महिलाओं को योजना में शामिल किया जाएगा। बैठक में लाडली बहना सेना के गठन को लेकर भी चर्चा की गई। इसको लेकर 15 जुलाई से 15 अगस्त तक काम किया जाएगा। बैठक में ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की खरीद पर मंडी शुल्क और निराश्रित शुल्क नहीं लेने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। कैबिनेट में किसानों को राहत देने वाला फैसला लिया गया। सरकार ने केले की फसल को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान पर आर्थिक सहायता देने के नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके तहत अब 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर एक लाख रुपए की जगह दो लाख, 33 से 50 प्रतिशत तक होने पर 27 हजार रुपए हेक्टेयर के स्थान पर 54 हजार और 25 से 33 प्रतिशत तक नुकसान होने पर 15 हजार रुपए के स्थान पर 30 हजार रुपए की राहत राशि दी जाएगी।

सरकार ने प्रदेश में 33 नए सीएम राइज स्कूल के लिए 1335 करोड़ 20 लाख रूपये में निर्माण किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के चौथे चरण के लिए नगरीय निकायों को 1700 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं, सीप कॉम्पलेक् सिंचाई परियोजना के लिए 190 करोड़ रुपए स्वीकृत किए है। योजना में सड़क निर्माण तथा अनुषांगिक कार्य, शहरी यातायात सुधार, नगरीय सौन्दर्यीकरण, सामाजिक एवं खेल अधोसंरचनाएं, उद्यान विकास सम्बन्धी कार्यों के साथ ही निकाय के कार्यालय भवन निर्माण/ उन्नयन के कार्य किये जा सकेंगे। योजना का क्रियान्वयन विभागीय मार्गदर्शन में नगरीय निकायों द्वारा किया जायेगा। इस योजना के लागू किये जाने से, विभिन्न शहरों में आवश्यक अधोसंरचनाएं उपलब्ध हो सकेंगी।


बैठक में वर्ष 2023-24 के लिये निर्धारित दरों में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के लिये अटल गृह ज्योति योजना में स्वीकृत सब्सिडी एवं विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों को सब्सिडी देते हुए इसके एवज में विदयुत वितरण कंपनियों को सब्सिडी दी जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। कंपनियों को विभिन्न श्रेणियों में 24 हजार 196 करोड़ 47 लाख रूपये की सब्सिडी स्वीकृति दी गई। 19 अगस्त 2013 से संचालित मध्यप्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की महत्ता को देखते हुए योजना को 31 मार्च, 2019 के पश्चात से निरंतर बनाये रखते हुए आगामी पांच वर्ष तक निरंतर संचालित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।

कैबिनेट ने भोज वेटलैंड भोपाल की 1097.11 हेक्टेयर भूमि जो वर्तमान में भोज वेटलैंड, प्रशासक राजधानी परियोजना प्रशासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आधिपत्य में है, में से बड़ा तालाब एवं उसके जल भराव क्षेत्र को छोड़कर और व्ही.आई.पी. रोड को 8 लेन करने के लिए नवीन एकरेखण में आने वाली भूमि को छोड़ कर शेष भूमि को संयुक्त सीमाकंन के बाद पर्यावरण वानिकी वनमंडल भोपाल को हस्तान्तरित करने का निर्णय लिया है। यह भी निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश वृक्षों का परीक्षण (नगरीय क्षेत्र) अधिनियम 2001 की धारा 4 में प्रावधान अनुसार उक्त भूमि के भारसाधक वन क्षेत्रपाल को वृक्ष अधिकारी नियुक्त किया जाये। भविष्य में अन्य वृक्षारोपण क्षेत्रों को हस्तांतरित करने की स्थिति निर्मित होने पर मुख्य सचिव, संबंधित विभागों की आपसी सहमति से क्षेत्र हस्तांतरण करने के संबंध में निर्णय लेंगें।

बैठक में दीनदयाल रसोई योजना के नाम को मामा की थाली करने का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया। बता दें इससे पहले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया था कि नगरीय क्षेत्रों में संचालित दीनदयाल रसोई योजना के तहत खाना खाने वालों से 10 रुपए की जगह पांच रुपए ही लिए जाएंगे। योजना के नाम के साथ मामा की थाली को भी जोड़ा जाएगा। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा है कि दीनदयाल रसोई का नाम दीनदयाल रसोई ही रहेगा। इसके नाम में कोई भी परिवर्तन नहीं होगा। इस संबंध में मंत्रि- परिषद का प्रस्ताव था, लेकिन परिवर्तन नहीं किया जाएगा।

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