- एक एजेंट ने साढ़े तीन करोड़ तो दूसरे ने डेढ़ करोड़ हड़पे
- जिला उद्योग केंद्र से साइबर सेल ने मांगी 3 साल में हुए मुद्रा लोन की जानकारी
इदौर। मुद्रा लोन की सब्सिडी हड़प करने वाले गिरोह के 2 एजेंटों के खातों में करोड़ों रुपया होने के बाद साइबर सेल की जांच तेज हो गई है। सेल ने जिला उद्योग केंद्र से पिछले 3 साल में हुए मुद्रा लोन की जानकारी मांगी है। पुलिस को यह घोटाला करोड़ों का होने का अंदेशा है।
साइबर सेल ने कुछ माह पूर्व फर्जी काजू के आधार पर मुद्रा लोन की सब्सिडी हड़प करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। अब तक इस मामले में दो बैंक मैनेजर सहित 6 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि एक बैंक मैनेजर की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बैंक से इन्हीं में से 2 एजेंट पिंटू कजरे और सोनू पवार के बैंक खातों की जानकारी मांगी थी। जानकारी में पता चला कि एक के खाते में 3.30 करोड़ तो दूसरे के खाते में डेढ़ करोड़ रुपए जमा हैं। इसके बाद साइबर सेल ने जांच तेज कर दी। सेल को अंदेशा है कि यह सब राशि घोटाले की ही है। वहीं कुछ और लोगों के भी खातों में करोड़ रुपए होने का अंदेशा है। इसके चलते सेल की टीम एक बार फिर दोनों आरोपियों को जेल से रिमांड पर ले सकती है, ताकि इस राशि के बारे में जानकारी जुटाई जा सके। दूसरी ओर सेल के एसपी जितेंद्रसिंह ने जिला उद्योग केंद्र को पत्र लिखा है। इसमें गत 3 वर्षों में इंदौर में प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री स्वराज योजना में हुए मुद्रा लोन की जानकारी मांगी गई है, ताकि उनकी जांच की जा सके। पुलिस का अनुमान है कि बड़ी संख्या में मुद्रा लोन की सब्सिडी हड़प करने का खेल इंदौर में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है। जांच में यह मामला करोड़ों का हो सकता है। एक मामले में विशाल डांगी के खाते में नौ मुद्रा लोन के 63,00,000 रुपए आए थे। इसकी जांच पूरी हो चुकी है। अब इन दो एजेंटों के खाते में आए रुपयों की जांच की जा रही है।
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