भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

मुख्यमंत्री की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं मंत्री

  • बार-बार समझाइश भी बेसर, न विभागों की समीक्षा कर रहे न आइडियाज पर काम कर रहे

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच प्रदेश में सरकारी कामकाज पूरी क्षमता के साथ शुरू हो गया है, लेकिन ज्यादातर मंत्री अपने विभागों के कामकाज पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री कैबिनेट बैठक में हर बार मंत्रियों को समझाइश देते हैं कि वे हर सोमवार केा विभागों की समक्षा करें, विभागीय कामकाज को समझें। अधिकारियों पर पकड़ बनाएं। अपने-अपने विभाग में इनोवेटिव आइडियाज पर काम करें। इसके बावजूद भी मंत्री मुख्यमंत्री की मंंशानुसार काम नहीं कर रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूदा कठिन समय में भी 16 से 18 घंटे से ज्यादा काम कर रहे हैं। वे मंत्रियों से ज्यादा जनता के बीच जा रहे हैं और कोरोना प्रोटेकॉल का पालन करते हुए लोगों से मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में एक बार फिर मंत्रियों से कहा कि प्रदेश के विकास, जनता के कल्याण एवं मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वे इनोवेटिव आइडियाज पर काम करें। वे अपनी लीडरशिप में विभागों से कुछ इनोवेटिव आइडियाज निकालें तथा उन पर अमल करें। मध्यप्रदेश में बफर में सफर, ग्लोबल स्किल पार्क तथा हिरोशिमा- नागासाकी स्मारक की तर्ज पर गैस त्रासदी स्मारक आदि पर कार्य चल रहा है। मंत्री इसें समझें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री हर सोमवार को विभागीय बैठक में विभागीय प्रगति की समीक्षा करें। इसके बाद मंगलवार को कैबिनेट बैठक में शामिल हों। खास बात यह है कि कैबिनेट के चुनिंदा मंत्रियों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर मंत्रियों ने भोपाल आना कम कर दिया है। साथ ही प्रवास पर भी नहीं निकल रहे हैं। ज्यादातर राज्यमंत्री और कुछ कैबिनेट मंत्री अपने गृह जिलों से ही विभागों का संचालन कर रहे हैं।

जिलों के प्रभार के इंतजार में मंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार को आठ महीने बीत चुके हैं। मौजूदा मंत्रिमंडल को छह महीने होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक मंत्रियों को जिलों का प्रभार नहीं मिला है। ज्यादातर राज्यमंत्री मंत्री जिलों के प्रभार के इंतजार में हैं। क्योंकि विभागों के कैबिनेट मंत्रियों ने भी राज्यमंत्रियों के बीच कामकाज का बंटवारा नहीं किया है। राज्यमंत्रियों के पास ज्यादा काम नहीं है। विभागों में काम का दायित्व नहीं मिलने की वजह से विभाग के अधिकारी भी राज्यमंत्रियों को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं।

मंत्री बनने के इंतजार में तुलसी- गोविंद
शिवराज सरकार के पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावत मंत्री बनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। दोनों नेता बिना मंत्री के भी भोपाल में खासा समय बिता रहे हैं। संभवत: दोनों विधायकों को जल्द ही शपथ दिलाई जा सकती है। गोविंद सिंह राजपूत से परिवहन मंत्रालय छिनने की अटकलों के बीच परिवहन विभाग के अफसरों ने गोविंद सिंह के राजधानी स्थित आवास से दूरी बना ली है। हालांकि ग्वालियर परिवहन आयुक्त कार्यालय के अफसरों की गाडिय़ों गोविंद सिंह के निवास पर दिखाई देती हैं।

ये मंत्री हैं सक्रिय
कैबिनेट मंत्रियों में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, लोनिवि मंत्री गोपाल भार्गव, खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, कृषि मंत्री कमल पटेल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया खासे सक्रिय हैं। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी हाल ही में शहडोल जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में खामी की वजह से बच्चों की मौत के बाद सक्रिय हुए हैं। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार स्कूल खोलने की नीति को लेकर लगातार चल रही बैठकों की वजह ये सक्रिय दिख रहे हैं। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ज्यादातर अपने गृह नगर ग्वालियर में रहते हैं। मंत्रालय वहीं से चला रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जबलपुर का दौरा किया है। उनका ऊर्जा विभाग से ज्यादा नगरीय प्रशासन विभाग के अधीन शहरों की सफाई व्यवस्था पर फोकस रहता है।

Share:

Next Post

किसानों ने नहीं दिया कांग्रेस का साथ: विष्णुदत्त शर्मा

Wed Dec 9 , 2020
भोपाल। कांग्रेस किसान आंदोलन के नाम पर भ्रम फैलाकर, छल-कपट करके देश को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। कुछ लोगों को एकत्र करके कांग्रेस ने आंदोलन के नाम पर जो नौटंकी करने का प्रयास किया, वो पूरी तरह विफल रहा है। मप्र सहित देश भर के किसानों ने कांग्रेस का साथ नहीं दिया […]