भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सरकारी गाड़ी में शराब पीने वाले स्टाफ पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं मंत्री

  • निजी ड्रायवर के फोन का उपयोग भी करते हैं चौधरी

भोपाल। प्रदेश सरकार (State Government) के मंत्रियों को अपने स्टाफ (Staff) में निजी लोगों को रखना और सरकारी अमले से ज्यादा उन पर भरोसा करना भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। स्वास्थ्य मंत्री प्रभूराम चौधरी (Health Minister Prabhuram Choudhary) को मिली सरकारी गाड़ी (एमपी-02-एवी-6452)में जिन लोगों का शराब पार्टी (Wine Party) करते वीडियो वायरल (Video Virul) हुआ है, वे मंत्री के निजी स्टाफ के प्रायवेट लोग हैं। मंत्री इन पर सरकारी अमले से ज्यादा आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। अब जब सरकारी गाड़ी में शराब पार्टी (Wine Party) करते वीडियो सामने आया है तो मंत्री खुद के बचाव में कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
स्टेट गैरेज से मंत्रियों को गाड़ी के साथ योग्य चालक भी दिया जाता है। सूत्रों ने बताया कि मंत्री प्रभूराम चौधरी (Minister Prabhuram Choudhary) ने सरकारी वाहन चालक को दूसरी गाड़ी दे रखी थी और उन्होंने सरकारी गाड़ी प्रायवेट लोगों के हाथ में सौंप दी थी। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार यदि सरकार वाहन चालक इस तरह से सरकारी गाड़ी में शराब पार्टी करते पकड़ा जाता और आरोप साबित होने पर उसे नौकरी से बर्खास्त भी किया जा सकता था। जबकि स्वास्थ्य मंत्री प्रभूराम चौधरी ((Health Minister Prabhuram Choudhary) यहां बच निकले हैं। बताया गया कि सामान्य तौर पर ऐसी व्यवस्था है कि मंत्री एवं अफसरों को स्टेट गैरेज से मिली सरकारी गाड़ी के साथ जो चालक मिलता है, वही उसी गाड़ी को चलाने के लिए पात्र होता है। जरूरत पडऩे पर स्टेट गैरेज मंत्रियों को अलग-अलग शिफ्ट में काम करने के लिए दो या तीन चालक मुहैया कराते हैं। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री प्रभूराम चौधरी की लापरवाही मानी जा रही है। हालांकि मंत्री ने शराब पीने वालों पर कार्रवाई की बात कहकर मामले से खुद का बचाव कर लिया है।

चौधरी की वजह से सरकार की किरकिरी
मंत्री को मिली सरकार गाड़ी में शराब पार्टी करते वीडियो वायरल होने के बाद देश भर में मप्र सरकार की किरकिरी हुई है। वीडियो मंत्री के चुनाव क्षेत्र सांची का बताया जा रहा है। रविवार को बारिश के दौरान स्टाफ के कर्मचारी किसी को छोडऩे गए थे, यह मामला उसी समय का हो सकता है। वीडियो रायसेन जिले के सतलापुर थाने के पास का है, जिसे यहां के रहवासियों ने बनाया। कर्मचारी सायरन बजा रहे थे, इसलिए रहवासियों ने सोचा कि पुलिस आई है। जब उन्होंने कार के पास जाकर देखा तो वहां तीन लोग शराब पी रहे थे। उन्होंने कर्मचारियों से बाहर निकलने को कहा तो वे बोले- ये सरकारी गाड़ी है, हाथ मत लगा देना।

मंत्री की पत्नी से गाड़ी से रेमडेसिविर बेचता था चालक
निजी ड्रायवर की करतूत की वजह से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट की भी किरकिरी हो चुकी है। पिछले महीने जब प्रदेश में कोरोना संक्रमण चरम पर था, तब सिलावट की पत्नी की गाड़ी का चालक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में पकड़ा गया था। चंूकि मामला मंत्री से जुड़ा था, इसलिए इंदौर पुलिस ने महज इस मामले में खानापूर्ति की थी। जबकि चालक मंत्री की पत्नी की गाड़ी से ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करता था। इससे पहले ही इंदौर में सीएमएचओ की गाड़ी का चालक रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते पकड़ा गया था। इंदौर प्रशासन ने इस मामले में सीएमएचओ के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली थी, लेकिन मंत्री की पत्नी का वाहक के पकड़े जाने के बाद सीएमएचओ पर कार्रवाई का मामला भी ठंडा पड़ गया था।

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