नई दिल्ली । ओला, उबर, स्विगी या जोमैटो जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (Online Platform) के लिए डिलीवरी ब्वॉय (Delivery Boy) का काम करने वाले गिग वर्कर्स (Gig Workers) से सरकार (Government) ने बड़ी अपील की है। दरअसल, श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों से ई-श्रम पोर्टल (E-Shram Portal) पर रजिस्ट्रेशन करने का आग्रह किया है। मंत्रालय ने कहा कि ऐसा करने से उन्हें औपचारिक मान्यता मिलेगी और वे आयुष्मान भारत योजना के लाभों को पा सकेंगे।
क्या कहा श्रम मंत्रालय ने
श्रम मंत्री ने एक बयान में कहा कि गिग और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है। इसके तहत किराये की टैक्सी सेवा, सामान की आपूर्ति, लॉजिस्टिक और पेशेवर सेवाओं जैसे क्षेत्रों में नई नौकरियां दी जा रही हैं। नीति आयोग का अनुमान है कि भारत में गिग अर्थव्यवस्था 2024-25 में एक करोड़ से अधिक श्रमिकों को रोजगार देगी। इसके बाद 2029-30 तक यह आंकड़ा 2.35 करोड़ तक पहुंच जाएगा।
बजट में हुआ ऐलान
देश की अर्थव्यवस्था में गिग और मंच श्रमिकों के योगदान को मान्यता देते हुए आम बजट 2025-26 में ई-श्रम पोर्टल पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन, पहचान पत्र जारी करने और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत स्वास्थ्य सेवाएं देने की घोषणा की गई है। इन बजट प्रावधानों को लागू करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय जल्द ही योजना शुरू करेगा।
बयान में कहा गया है कि पहले कदम के रूप में मंत्रालय ने प्लेटफॉर्म श्रमिकों से ई-श्रम पोर्टल पर खुद को रजिस्टर्ड करने का अनुरोध किया है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द योजना के तहत लाभ दिए जा सकें।
पेंशन योजना की तैयारी
बीते दिनों श्रम मंत्रालय ने संकेत दिए थे कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े एक करोड़ गिग श्रमिकों के लिए पेंशन योजना लाने को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगी जाएगी। इस कदम से अमेजन, जोमैटो जैसे ऑनलाइन मंचों से जुड़े श्रमिकों को विभिन्न सरकारी एजेंसियों की सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ मिलने में मदद मिलेगी।
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