इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

आज रात तक तय होंगे मोहन के मंत्री

शाम को दिल्ली बुलाया…प्रदेश अध्यक्ष के साथ लिस्ट लेकर पहुंचेंगे

इंदौर। कल से विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है। चार दिनी विधानसभा सत्र के पहले मोहन कैबिनेट भी तय होना है। इसके लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) आज दिल्ली (Delhi) पहुंच रहे हैं। संभावना है कि देर शाम या फिर रात तक ही मोहन कैबिनेट (Mohan Cabinet) में लिए जाने वाले नामों का फैसला हो जाएगा।


फिलहाल मुख्यमंत्री उज्जैन में हैं और दोपहर में उज्जैन संभाग के प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेने के बाद उनका श्योपुर जिले में कूनो फेस्टिवल के शुभारंभ में जाने का कार्यक्रम है। बताया जा रहा है कि वहीं से वे भोपाल पहुंचेंगे और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ शाम को दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे, जहां मंत्रिमंडल के नामों को लेकर चर्चा की जाना है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भाजपा और मुख्यमंत्री ने एक सूची तैयार की है, जिस पर निर्णय आलाकमान को लेना है। रात को वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा से मुलाकात करेंगे। हालांकि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री के नाम दिल्ली से ही तय किए थे, उससे जाहिर है कि मंत्रीमंडल के नाम भी पहले से ही तय किए जा चुके हैं। संभवत: रात तक नाम घोषित किए जा सकते हैं। संभावित नामों को लेकर भी अभी कोई कयास नहीं लगाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ नए चेहरों को मोहन मंत्रिमंडल में जगह मिलने की पूरी-पूरी संभावना है। कल से शुरू होने वाले चार दिनी विधानसभा सत्र में विधायकों और स्पीकर की शपथ भी होना है और इसके बाद संभवत: कैबिनेट की बैठक होगी। सभी विधायकों को भी कल सुबह से भोपाल पहुंचने के लिए कहा गया है।

अब भाजपा विधायकों की लग सकती के लाटरी…लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी में पार्टी
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा का राज्यों से जुड़े बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने का प्रयोग सफल रहने के बाद अब पार्टी इसे लोकसभा चुनाव में भी आजमा सकती है। बताया जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोक सभा चुनाव में भाजपा के कई राज्यसभा सांसद, विधायक, पार्टी पदाधिकारी भी चुनाव मैदान में उतरेंगे। इनमें ऐसे केंद्रीय मंत्री भी शामिल रहेंगे, जो अभी राज्यसभा सांसद हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सफलता के कारणों में राज्यों से जुड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव में उतारना था। पार्टी ने चार राज्यों मध्य प्रदेश (सात), राजस्थान (सात), छत्तीसगढ़ (चार) और तंलगाना (तीन) में कुल 21 सांसदों को चुनाव लड़ाया था। इनमें से 12 चुनाव जीतने में सफल रहे। इनके चुनाव लडऩे से पार्टी के पक्ष में सकारात्मक माहौल बना। इस अंदेशे के बाद कुछ राज्यसभा सदस्यों ने तो अपनी सीटें भी पसंद करनी शुरू कर दी हैं।

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