इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इन्दौरी मरीजों के लिए दो गुना से ज्यादा बेड और ICU


– बाहरी जिलोंं से लगाताार आ रहे मरीजों ने बढ़ाई दिक्कत, चुनाव के कारण नेताओं का भी जबर्दस्त दबाव
इन्दौर। इस वक्त 4300 कोरोना संक्रमित मरीज उपचाररत हैं, जिनमें ढाई हजार से ज्यादा अस्पतालों में भर्ती हैं, तो शेष ए-सिमटोमैटिक मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। इन इंदौरी मरीजों के लिए तो शहर में लगभग ढाई गुना तक बैड और आईसीयू की व्यवस्था प्रशासन ने कर रखी थी, लेकिन बीते हफ्तेभर से बाहरी जिलों से बड़ी संख्या में मरीज इंदौर आने लगे। नतीजतन 40 प्रतिशत से ज्यादा बैड और आईसीयू बाहरी मरीजों से भर गए। शासन द्वारा अनुबंधित अरबिन्दो में 66 प्रतिशत बाहरी जिलों से आए मरीजों का इलाज चल रहा है। बावजूद इसके अभी 200 बैड इंडेक्स और 1300 से ज्यादा सरकारी-निजी अस्पतालों में और बढ़वाए गए हैं।
पूरे प्रदेश में सबसे बेहतर मेडिकल की सुविधा इंदौर में ही हैं, जिसके चलते अभी कोरोना संक्रमित मरीजों का भी इलाज सबसे ज्यादा यहीं करवाया जा रहा है। थोड़े भी सम्पन्न या प्रभावशाली लोग इंदौर के अस्पतालों में आकर इलाज करवाना चाहते हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने शुरुआत में ही ग्रीन, यलो और रेड हॉस्पिटल तैयार करवाए और बढऩे वाले मरीजों की संख्या का आंकलन कर दो से ढाई गुना अधिक तक बैड और आईसीयू की व्यवस्था करवाई। आज की तारीख में भी इतने कोरोना मरीज उपचाररत हैं, उनकी तुलना में दो से ढाई गुना बैड और आईसीयू की संख्या है, लेकिन असल परेशानी बाहरी मरीजों के लगातार बढ़ रहे दबाव के चलते आ रही है। इंदौर के साथ-साथ चूूंकि पूरे प्रदेशभर में कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ और उपचुनाव के चलते अलग-अलग जिलों के मरीजों को भी नेताओं और अन्य प्रभावशाली लोगों द्वारा गाड़ी में डालकर इंदौर भिजवा दिया जाता है और फिर यहां के अधिकारियों-नेताओं के जरिए उन्हें अच्छे निजी अस्पतालों में भर्ती करवाने का दबाव रहता है। हालांकि 200 बैड इंडेक्स में और बढ़वाए, तो एमजीएम मेडिकल कालेज के अधीन आने वाले सरकारी अस्पतालों में भी 1300 से अधिक बैड और आईसीयू की जुगाड़ की गई है। वहीं सुपर स्पेशिएलिटी में भी 50 से अधिक कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। हालांकि यहां पर 30 डॉक्टर और स्टाफ उपचाररत हैं, जो कोरोना संक्रमित हो गए। वहीं एक दर्जन से ज्यादा अन्य मरीजों को भी यहां भर्ती किया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव करेंगे कलेक्टरों से चर्चा
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान से आज सुबह अग्निबाण ने चर्चा की, जिसमें इंदौर में बाहरी मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वे संबंधित जिलों के कलेक्टरों से भी बात करेंगे और जिन मरीजों का इलाज स्थानीय स्तर पर ही हो सकता है उन्हें बाहर भेजने की जरूरत भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि इंदौर की तरह भोपाल में भी यही स्थिति हो रही है। वहां के भी सरकारी और निजी अस्पतालों और आईसीयू बैड 40 प्रतिशत से अधिक बाहरी मरीजों से भर गए हैं। श्री सुलेमान के मुताबिक अधिक प्रभावित जिलों में अन्य जिलों से भी मेडिकल स्टाफ सुविधाएं भिजवाने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं उन्होंने भी स्वीकार किया कि इंदौर में 21 जिलों के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि चूंकि इंदौर में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर है, इसीलिए हर कोई शख्स यहां आना चाहता है। हालांकि इलाज के लिए किसी को मना तो नहीं किया जा सकता, लेकिन फिर भी संबंधित जिलों के कलेक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से वे इस बारे में वे चर्चा कर रहे हैं, ताकि अनावश्यक दबाव इंदौर, भोपाल व अन्य बड़े शहरों पर ना पड़े।
200 बेड इंडेक्स में तो 1372 सरकारी में बढ़ाए
शहर के कई निजी अस्पताल भी अब कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए आगे आ रहे हैं, क्योंकि अभी अन्य बीमारियों के मरीज उन्हें कम मिल रहे हैं। इन अस्पतालों में सबसे बड़ी दिक्कत डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की आ रही है। दो दिन में प्रशासन ने कुछ और नए निजी अस्पतालों को कोरोना इलाज के लिए तैयार किया है, जहां पर 50 से 60 बिस्तरों और आईसीयू की सुविधाएं हैं। इसके अलावा शासन से अनुबंधित इंडेक्ट में भी 200 और बैड बढ़वाए गए हैं। हालांकि यहां पर 1100 बैड की संख्या है, वहीं सरकारी अस्पतालों में भी 1372 बैड और अतिरिक्त जुटाए गए हैं।

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