भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh ) कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) (Indian Administrative Service (IAS) officer ) के अधिकारी मोहित बुंदस (Mohit Bundas) के खिलाफ राजधानी के महिला थाने में मारपीट, दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज किया गया है। बुंदस वर्तमान में वन विभाग के उपसचिव हैं। उनकी शोभना मीणा भी इंडियन रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) अधिकारी हैं। वह भोपाल में ही पदस्थ हैं। उन्होंने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में बुंदस की मां एवं बहन को भी आरोपित बनाया गया है।
महिला थाना पुलिस के अनुसार, भरत नगर निवासी 35 वर्षीय शोभना मीना पत्नी मोहित बुंदस ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें बताया कि पति मोहित बुंदस, सास पुष्पा बुंदस, ननद सविता एवं सुनीता बुंदस शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित कर रहे हैं।
सहायक पुलिस आयुक्त (महिला सुरक्षा) निधि सक्सेना ने बुधवार को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आईआरएस अधिकारी शोभना मीना की शिकायत पर मोहित बुंदस व उनके परिवार के लोगों के खिलाफ दहेज प्रताड;ना, मारपीट का केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
राजस्थान के जयपुर के रहने वाले मोहित बुंदस महज 21 साल की उम्र में आईपीएस बन गए थे। उनकी शादी 2012 में हुई है। उनका एक बच्चा भी है। शोभना का आरोप है कि शादी के बाद से ससुराल वाले मुझे प्रताड़ित करने लगे। पति की दोनों बहनें ताने मारती हैं। सास भी बेटियों-बेटे का साथ देती हैं। मंगलवार को मैं अपने ऑफिस में थीं। इसी बीच मोहित पहुंच गए। उन्होंने यहां गाली-गालौज कर दी। मैंने विरोध किया तो मेरे साथ मारपीट भी की।
दो महीने से अलग रह रहीं
करीब दो महीने से मोहित की पत्नी अलग रह रही हैं। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि फरवरी 2022 में वह शादी समारोह में शामिल होने जयपुर गई थीं। तब दोनों ननदों ने उनसे विवाद किया था। हालांकि पुलिस ने मोहित की पत्नी के नाम का खुलासा अभी नहीं किया है। पुलिस का कहना कि मामले की जांच की जा रही है।
आईएएस बनकर मां का सपना किया था पूरा
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस मोहित बुंदस की कामयाबी की कहानी उनकी मां के हाथों लिखी गई है। महज 10 साल की उम्र में पिता की मौत हो गई थी। मोहित के बड़े भाई की एक्सीडेंट में जान चली गई। पति व बेटे की मौत के बाद मोहित की मां ने न केवल खुद को संभाला, बल्कि बेटे को भी आगे बढ़ने की हिम्मत दी। वे छतरपुर कलेक्टर भी रहे हैं। राजस्थान के जयपुर निवासी मोहित मानते हैं कि मां की बदौलत वे महज 21 साल की उम्र में आईपीएस बन गए थे। 18 दिसंबर 2006 से 24 अगस्त 2011 तक झारखंड कैडर में आईपीएस रहे, मगर मां की इच्छा थी कि बेटा आईएएस बने। वर्ष 2011 में आईएएस बनकर मां का यह ख्वाब भी पूरा कर दिया। (एजेंसी, हि.स.)