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MP: अंतर्राज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, दिल्‍ली-यूपी के लोग भी शामिल

भोपाल। मप्र (MP) की राजधानी भोपाल (Bhopal) की साइबर क्राइम ब्रांच (Cyber Crime Branch Police) ने इंश्योरेंस पॉलिसी क्लेम (insurance policy claim) करने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय साइबर ठग (interstate cyber thugs) गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह पिछले 10 साल से लोगों को ठग रहा था. गिरोह में यूपी (UP)और दिल्ली(Delhi) के लोग भी शामिल हैं.
ठगों का ये गिरोह कितना शातिर है इसका अंदाज़ इस बात से लगाया जा सकता है कि ये लोग जस्ट डायल (Just Dial) से डाटा निकालकर लोगों को फोन लगाते थे. उन्हें अपनी बातों के जाल में फंसाते थे. इंश्योरेंस पॉलिसी (insurance policy ) दिलाने के नाम पर ठग लेते थे. आरोपी अपनी पहचान छुपाने के लिये जाली आधार कार्ड का इस्तेमाल करते थे. गिरोह के सदस्य टूर एंड ट्रैवल्स की आड़ मे इंश्योरेंस पॉलिसी क्लेम दिलाने का फर्जी काम करते थे. 10 साल से गिरोह सक्रिय था पुलिस अब उन्हें पकड़ पायी. गिरफ्त में आये गिरोह के एक आरोपी से 5 मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और हिसाब किताब की डायरी बरामद की गयी है.


साइबर क्राइम पुलिस को मिली शिकायत
भोपाल साइबर क्राइम पुलिस को शिकायत मिली थी कि DHLF Insurance Company में किये गये इंश्योरेंस पॉलिसी का क्लेम दिलाने के नाम पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने खुद को बीमा लोकपाल बताकर ठग लिया. आरोपी ने 28 लाख रुपये क्लेम दिलाने का झांसा देकर पेंडेंसी फॉर ट्रांसफर, ट्रेम्पररी जीएसटी नम्बर, जीएसटी, पेंडिंग चार्ज, आरबीआई चार्ज और लीगल डाक्यूमेन्ट फॉर्म के चार्ज के लिए 6 लाख 28 हजार रुपये खाते में ट्रांसफर कर लिए.

ऐसे देते थे अपराध को अंजाम
आरोपी जस्ट डायल को फोन लगाकर इंश्योरेन्स पॉलिसी Renewal का MIS data खरीदते थे. इसमे पॉलिसी धारक की पॉलिसी से संबंधित जानकारी जैसे नाम पता, मोबाइल नंबर, पॉलिसी नंबर. कंपनी का नाम, डेट ऑफ बर्थ, पॉलीसी डेट, नॉमिनी नाम जानकारी होती है. इसके बाद आरोपी पॉलिसी धारकों को कॉल लगाकर खुद को इंश्योरेंस कम्पनी का अधिकारी, बीमा लोकपाल कार्यालय का अधिकारी, जीएसटी का अधिकारी बताकर बात करते थे.
पॉलिसी धारकों को आरोपी पॉलिसी क्लेम, रिन्यूवल कराने का झांसा देते थे. उसके बाद प्रीमियम राशि और विभिन्न चार्ज जैसे पेंडेंसी फॉर ट्रांसफर, ट्रेम्परी जीएसटी नंबर, जीएसटी पेडिंग चार्ज, आर.बी.आई. चार्ज और लीगल डाक्यूमेन्ट फॉर्म के चार्ज के रूप में पैसा अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लेते थे. जो आरोपी पकड़ गया वो लोगों को कॉल करके बातों में उलझाकर पॉलिसी लेने का झांसा देता था. बाकी के अन्य चार आरोपी बीमा लोकपाल कार्यालय, आरबीआई कार्यालय, जीएसटी कार्यालय का अधिकारी बनकर फरियादी से बात करते थे.

हिंदी भाषी राज्यों में ठगी
आरोपी हिन्दी भाषी राज्यों उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, म.प्र.और छत्तीसगढ़ के लोगों को ठग रहे थे. वो दिल्ली, उत्तरप्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़ के रहने वाले हैं. पुलिस से बचने के लिए ये लगातार अपना ठिकाना बदलते रहते थे. पकड़े गए आरोपी का नाम दीपक निवासी उत्तर पूर्वी दिल्ली है. बाकी फरार 4 आरोपियों की तलाश की जा रही है.

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