एआरपीएफ ने चलाया सीड बॉल कैम्पेन भी
इन्दौर। एक पेड़ लगाकर हम सिस्टम को किस तरह फायदा पहुंचा रहे हैं, यही बायोडायवर्सिटी (biodiversity) है और इसे समझना जरूरी है। इंदौर के जू (Zoo) में आज सुबह करीब सत्तर लोगों ने एआरपीएफ की नेचर वॉक में इसी सिस्टम को समझा। बच्चों ने भी विषय में रूचि दिखाते हुए वॉलंटियर्स से कई सवाल किए।
आज सुबह 6 बजे जू पहुंचे लोगों ने वॉलंटियर्स के साथ नेचर वॉक में बायोडायवर्सिटी (जैव विविधता) को समझा। वॉलंटियर्स ने यहां लोगों को जानकारी दी कि एक पेड़ लगाकर हम पूरे सिस्टम को सपोर्ट करते हैं और एक पेड़ बचाकर हम उन सभी जीवों की रक्षा कर रहे हैं, जो उस पेड़ से जुड़े हैं। एक पेड़ लगाकर हम कम से कम 20 जिंदगी को आसरा देते है। इसमें दीमक, अलग-अलग तरह के कीड़े, तितली और कई तरह के पक्षी शामिल हैं, जो हर तरह से बायो स्पीयर को सपोर्ट करते हैं। बच्चों ने भी नेचर वॉक में अलग-अलग तरह के पौधे लगाने को लेकर पूरी जानकारी ली और जाना कि वो किस तरह के पौधे लगाकर और उसकी किस तरह से देखभाल करके इस सिस्टम को सपोर्ट कर सकते हैं।
बड़वाह रोड पर सीड बॉल्स से पौधारोपण
इंदौर एआरपीएफ पौधारोपण में भी आगे रहता है। नेचर वॉक के साथ एआरपीएफ ने आज सुबह सीड कैंपेन भी चलाया। इसमें कई तरह के फल और छाया देने वाले पेड़ों के बीज मिले हैं। अब एआरपीएफ इन सीड से बॉल्स बनाएगी और प्री मानसून के बाद इसे बड़वाह रोड पर डाला जाएगा। एआरपीएफ के निहार पारूलेकर ने बताया कि पिछले साल जाम गेट और महेश्वर रोड पर सीड बॉल्स डाली गई थी।
हर साल अलग थीम के साथ मानते हैं
हर साल 22 मई को जैव विविधता दिवस (बायोडायवर्सिटी डे) मनाया जाता है। नैरोबी में 29 दिसम्बर 1992 को संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में हुए जलवायु सम्मेलन में हर साल वैश्विक स्तर पर जैव विविधता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में मनाए जाने वाले सभी दिवसों के लिए एक विशेष थीम होती है। इस साल इस दिन के लिए ‘हम समाधान का हिस्सा हैं’ थीम चुनी गई है। इस साल एआरपीएफ इंडिया को 2011 से 2020 तक किए गए कामों के लिए यूएन अवॉर्ड भी मिला है।
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