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Navratri Puja : इस फूल के बिना अधूरी है शारदीय नवरात्रि पूजा …

भोपाल (Bhopal)। नवरात्रि (Shardiya Navratri) का पर्व हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। धार्मिक दृष्टि से नवरात्रि का बहुत ही ज्यादा महत्व है। देशभर में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ हो रहा है. नवरात्रि (Shardiya Navratri) में मां दुर्गा की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. इसमें नवदुर्गा की पूजा करने से सिद्धि, बल, बुद्धि आदि की प्राप्ति होती है. नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित हैं, जिसमें उनको प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं ताकि मातारानी की कृपा हो, वे सदैव रक्षा करें और मनोकामनाओं को पूरा करें. मां दूर्गा की पूजा में लाल गुड़हल का फूल अवश्य ही चढ़ाया जाता है. इससे मातारानी प्रसन्न होती हैं क्योंकि यह उनका प्रिय फूल है. इसके बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि मां दुर्गा को लाल गुड़हल का फूल क्यों चढ़ाया जाता है? नवदुर्गा को कौन से फूल प्रिय हैं?



शारदीय नवरात्रि 2023 घटस्थापना मुहूर्त
पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 को रात 11.24 मिनट पर शुरू होगी और 16 अक्टूबर 2023 को प्रात: 12.03 मिनट पर समाप्त होगी.

कलश स्थापना मुहूर्त – सुबह 11.44 – दोपहर 12.30 (15 अक्टूबर 2023)

अवधि – 46 मिनट
चित्रा नक्षत्र – 14 अक्टूबर 2023, शाम 04.24 – 15 अक्टूबर 2023, शाम 06.13
वैधृति योग – 14 अक्टूबर 2023, सुबह 10.25 – 15 अक्टूबर 2023, सुबह 10.25
शारदीय नवरात्रि 2023 तिथियां (Shardiya Navratri 2023 Tithi)

मां दुर्गा को क्यों प्रिय है लाल गुड़हल का फूल?
दुर्गा सप्तशती में मां दुर्गा के स्वरूप का जो वर्णन किया गया है, उसमें लाल गुड़हल के फूल का भी वर्णन है. इस वजह से माना जाता है कि लाल गुड़हल का फूल मातारानी को प्रिय है. वैसे भी लाल रंग सौभाग्य, शक्ति, साहस और पराक्रम का प्रतीक है. मां दुर्गा आदिशक्ति हैं, इसलिए उनको लाल रंग की वस्तुएं अर्पित करते हैं. जैसे लाल रंग की चुनरी, लाल रंग की साड़ी, लाल रंग के फूल आदि.

मां दुर्गा को फूल चढ़ाने का मंत्र

आयुरारोग्यविजयं देहि देवि! नमोऽस्तु ते॥
एष सचंदन गंध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ओम ह्रीं दुर्गायै नमः.

शारदीय नवरात्रि 2023 घटस्थापना मुहूर्त
पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 को रात 11.24 मिनट पर शुरू होगी और 16 अक्टूबर 2023 को प्रात: 12.03 मिनट पर समाप्त होगी.

कलश स्थापना मुहूर्त – सुबह 11.44 – दोपहर 12.30 (15 अक्टूबर 2023)

अवधि – 46 मिनट
चित्रा नक्षत्र – 14 अक्टूबर 2023, शाम 04.24 – 15 अक्टूबर 2023, शाम 06.13
वैधृति योग – 14 अक्टूबर 2023, सुबह 10.25 – 15 अक्टूबर 2023, सुबह 10.25
शारदीय नवरात्रि 2023 तिथियां (Shardiya Navratri 2023 Tithi)

दिनांक तिथियां
15 अक्टूबर 2023 (रविवार) मां शैलपुत्री, प्रतिपदा तिथि, घटस्थापना
16 अक्टूबर 2023 (सोमवार) मां ब्रह्मचारिणी, द्वितीया तिथि
17 अक्टूबर 2023 (मंगलावर) मां चंद्रघंटा, तृतीया तिथि
18 अक्टूबर 2023 (बुधवार) मां कुष्मांडा, चतुर्थी तिथि
19 अक्टूबर 2023 (गुरुवार) मां स्कंदमाता, पंचमी तिथि
20 अक्टूबर 2023 (शुक्रवार) मां कात्यायनी, षष्ठी तिथि
21 अक्टूबर 2023 (शनिवार) मां कालरात्रि, सप्तमी तिथि
22 अक्टूबर 2023 (रविवार) मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी, महा अष्टमी
23 अक्टूबर 2023 (सोमवार) मां सिद्धिदात्री, महा नवमी
24 अक्टूबर 2023 (मंगलावर) मां दुर्गा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)

लाल गुड़हल के फूल के ज्योतिष उपाय
1. भय मुक्ति और शक्ति के लिए
नवरात्रि के समय में आप दोपहर में लाल गुड़हल का एक फूल मां काली को अर्पित कर दें. इससे मां काली प्रसन्न होंगी और उनकी कृपा से भय दूर होगा. मां काली के प्रभाव से नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है.

2. कार्य में सफलता और संकट से रक्षा के लिए
नवरात्रि में आप पूजा के समय मां काली को लाल गुड़हल के फूलों की एक माला पहनाएं. फिर उसके बाद कुंजिका स्तोत्र के मंत्र का कम से कम 11 हजार बार जाप करें. उनके आशीर्वाद से कार्य सफल होंगे और संकट दूर होंगे.

3. मंगल दोष दूर करने के उपाय
नवरात्रि में मंगलवार के दिन मां दुर्गा को लाल गुड़हल का फूल चढ़ाएं. इससे कुंडली का मंगल दोष दूर हो सकता है. नवरात्रि के अलावा हर मंगलवार को हनुमान जी को लाल गुड़हल का फूल अर्पित करने से भी मंगल दोष दूर होगा.

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