भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सीएमओ में न अफसरों का रसूख है, न कार्यकर्ताओं के लिए बंदिशें

  • इस बार बदले-बदले से नजर आ रहे हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

रामेश्वर धाकड़
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने चौथे कार्यकाल में बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। पिछले कार्यकाल तक शिवराज की जो छवि बन चुकी थी, वे उस छवि से पूरी तरह से बाहर निकल चुके हैं। इस बार सीएमओ में न तो अफसरों का पहले की तरह दबदबा है और नहीं पार्टी के आम कार्यकर्ता एवं जनप्रतिनिधियों के लिए कोई बंदिशें हैं। आम जन के बीच वे पहले से ज्यादा सहज और सरल हो गए हैं। मुख्यमंत्री की बदली हुई छवि देखकर नेता और अफसर खासे हैरान हैं। कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश की बागडोर संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंत्र में बदलाव का मूड बना लिया है। इसकी शुरूआत वे सरकारी तंत्र से ही करने जा रहे हैं। हाल ही में सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लगाने और बेकार हो चुके कानूनों में सुधार के लिए अलग-अलग समितियां गठित की है। इन समितियों की सिफारिश के आधार पर ही सिस्टम में बदलाव होगा। सरकार ने हाल ही में ऐसे अफसरों को हटाया है, जो सालों से एक ही विभाग में थे। उन विभाग और संस्थाओं की पहचान ही उन अफसरों से हो गई थी। इस फैसले से मुख्यमंत्री ने सरकारी व्यवस्था में गहरी जड़े जा चुके कई रसूखदारों को कड़ा संदेश दे दिया है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री प्रदेश की मौजूदा हालात की खुद समीक्षा कर रहे हैं। कांगे्रस शासन काल में प्रशासनिक व्यवस्था में गिरावत आई है। अब वे चाहते हैं कि लोगों को मिलने वाली सेवाओं में पारदर्शिता आए और समय पर मिलें। किसानों के प्रति उनका रवैया पहले से ज्यादा उदार है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि अब किसान अपनी उपज का दाम खुद तय करें। इसके लिए जरूरी बदलाव करने की शुरूआत हो चुकी है।

अफसरों का रसूख खत्म
पिछले कार्यकाल में सीएमओ और सरकार में कुछ अफसरों की ज्यादा ही दखल था। चर्चा थी कि मुख्यमंत्री अफसरों के कॉकस में फंस चुके थे। अखिल भारतीय सेवा एवं राज्य सेवा के अफसरों के तबादलों में अफसरों की भूमिका थी। इस बार तबादलों में किसी भी अफसर की भूमिका नहीं है। पहले अफसरों ने जनप्रतिनिधि और पार्टी कार्यकर्ताओं से सीएम को दूर कर दिया था, लेकिन इस बार सीएम ने जनप्रतिनिधियों के लिए मंत्रालय और निवास के द्वार खोल दिए हैं। कोरेाना काल में भी जनप्रतिनिधियों से लगातार मिलते रहे।

माफिया पर कहर
मुख्यमंत्री ने माफिया को खत्म करने की तैयारी कर ली है। खासकर गरीबों की संपत्ति हड़पने वाले, तस्कर माफिया और लोगों को जहर खिलाने वाले मिलावट खोरों को लेकर शिवराज बेहद सख्त है। उनके करीबी बताते हैं मुख्यमंत्री ने इतनी सख्ती पहले कभी नहीं दिखाई थी।

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