इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : मालेगांव ब्लास्ट में एनआईए ने वॉट्सऐप पर भेजे नोटिस

  • पहले थाने के माध्यम से तामील होते थे, कुछ गवाह हैं तो कुछ संगठन से जुड़े थे

इंदौर। मालेगांव (Malegaon) सहित कई अन्य ब्लास्ट में इंदौर और आसपास के जिलों से हिंदू संगठन (Hindu organization) से जुड़े कई लोगों को आरोपी बनाया गया था तो कुछ को गवाह। कुछ को गिरफ्तार किया गया था, जो जमानत पर छूट चुके हैं। ऐसे ही एक दर्जन से अधिक लोगों को एनआईए (NIA) ने वॉट्सऐप पर मुंबई सेशन कोर्ट में हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किए हैं। पहले आरोपी या गवाह जिस थाना क्षेत्र में रहता था उस थाने के माध्यम से नोटिस तामील करवाया जाता था।

अजमेर (Ajmer), मोडासा और मालेगांव ब्लास्ट (Modasa and Malegaon Blasts) में इंदौर, उज्जैन, सांवेर, देवास (Indore, Ujjain, Sanwer, Dewas) के अलावा आसपास के जिलों के दो दर्जन से अधिक लोगों को पहले राज्यों की एटीएस (ATS) ने और बाद में एनआईए ने आरोपी बनाया था। इनमें कुछ की गिरफ्तारी भी हुई थी, जो जमानत पर हैं। एनआईए ने इन लोगों के बयान लिए थे और केस में गवाह बनाया था। इस मामले में चालान भी एनआईए ने पेश किया था। अब ऐसे एक दर्जन से अधिक लोगों को दो दिन पहले एनआईए ने वॉट्सऐप पर नोटिस जारी कर मालेगांव मामले में मुंबई की सेशन कोर्ट में हाजिर होकर बयान देने को कहा है। बताते हैं कि कुछ लोग बयान देने के लिए चले गए हैं तो कुछ ने व्यक्तिगत कारण बताकर वॉट्सऐप पर ही जवाब दिया है। कुछ लोगों का कहना है कि यह अतिसंवेदनशील मामला था। इसमें पहले एनआईए थानों (NIA Stations) के माध्यम से नोटिस तामील करवाती थी और आवश्यकता होने पर सुरक्षा का भी इंतजाम होता था, लेकिन इस बार वॉट्सऐप पर ही नोटिस आने से कई लोग उलझन में हैं।


भोपाल की सांसद सहित कई हैं आरोपी
इस केस में एनआईए ने भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित इंदौर और आसपास से कई गिरफ्तारियां की थीं। दो आरोपी रामजी कलसांगरा और संदीप डांगे (Ramji Kalsangra and Sandeep Dange) का आज तक पता नहीं लग सका है। इन पर लाखों का इनाम भी घोषित किया गया था, जबकि साध्वी सहित कई लोग गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए।

दिलीप पाटीदार का आज तक नहीं लगा सुराग
इस मामले में मुंबई एटीएस एक अन्य आरोपी दिलीप पाटीदार (Dilip Patidar) को इंदौर के खजराना क्षेत्र (Khajrana area of Indore) से गिरफ्तार कर ले गई थी। उसकी गिरफ्तारी की सूचना खजराना थाने में भी दी थी, लेकिन बाद में वह पुलिस हिरासत से लापता हो गया। आज तक उसका पता नहीं चला है, जबकि इस मामले के एक आरोपी की देवास में हत्या हो चुकी है।

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