भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

अब College में 4 की जगह 6 विषय पढऩा होंगे

  • 1 जुलाई से लागू होगी नीति, 7 की जगह 9 पेपर होंगे
  • ऐसे दी जाएगी मल्टी डिसिप्लीनरी शिक्षा

भोपाल। 1 जुलाई से कॉलेजों (Colleges) में नई शिक्षा नीति (New Education Policy) लागू होगी। इस सत्र में बारहवीं पास कर यूजी फस्र्ट ईयर (UG First Year) में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को अपने मूल विषय और फाउंडेशन कोर्स (Foundation Course) के साथ एक वैकल्पिक (जैनरिक) और एक व्यावसायिक कोर्स पढऩा पड़ेगा। अब स्टूडेंट्स (Students) को 4 विषय के 7 पेपर की बजाए 6 विषयों के 9 पेपर देना होंगे। खास बात यह है कि स्टूडेंट्स (Students) मूल संकाय के दो विषय तो चुनना ही होंगे तीसरा स्वैच्छिक होगा। चौथा वैकल्पिक (जैनरिक) विषय में आट्र्स (Arts), कॉमर्स (Commerce), साइंस और एनसीसी (NCC) भी चुन सकेंगे। पांचवां व्यावसायिक और छठवां फाउंडेशन कोर्स (Foundation course) रहेगा। उच्च शिक्षा विभाग ने नए सत्र में नई शिक्षा नीति के अनुसार स्टूडेंट्स को मल्टी डिसिपल्नरी (बहुआयामी) शिक्षा देने की तैयारी कर ली है। शिक्षण की नई व्यवस्था में बीच में पढ़ाई छोडऩे पर भी स्टूडेंट को पहले साल में सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा और तीसरे साल में डिग्री की पात्रता होगी। विशेषज्ञों की टीम बनाकर लगातार 80 बैठकों में पाठयक्रम तैयार हुआ है। नए सिलेबस के अनुसार लेक्चर बनाने प्राध्यापकों का चयन हुआ है।

पहले यह होता था
आट्र्स, कॉमर्स या विज्ञान फैकल्टी से बारहवीं पास स्टूडेंट्स क्रमश: बीए, बीकॉम, बीएससी में एडमिशन लेते थे। विज्ञान या कॉमर्स की फैकल्टी से आए छात्र कॉलेज में स्ट्रीम बदल सकते थे, लेकिन आट्र्स के छात्र को केवल आट्र्स के विषयों में ही एडमिशन मिलता था। अपनी पसंद का कोई वैकल्पिक विषय या व्यवसायिक डिप्लोमा पाठ्यक्रम कॉलेज की पढ़ाई के साथ नहीं किया जा सकता था।

अब यह होगा
12वीं में आट्र्स, कोमर्स, साइंस के स्टूडेंट कॉलेज में फस्र्ट ईयर में अपनी फैकल्टी के 3 विषय कोर सब्जेक्ट की तरह पढ़ेगा। 3 कोर विषय के साथ स्टूडेंट को दूसरी दो फैकल्टी में से किसी एक विषय का जेनरिक पढऩा होगा। जिसमे एनसीसी भी शामिल होगी। जिसकी 100 अंकों की परीक्षा भी मूल विषयों की तरह देना होगी। स्टूडेंट कॉलेज में संचालित हो रहे या अन्य योजनाओं से संस्थानों में चल रहे व्यावसायिक डिप्लोमा कर सकेंगे।

क्या होगा जैनरिक पाठयक्रम
आट्र्स, कॉमर्स और साइंस तीनों मूल विषयों में 10 से 15 जेनरिक विषय शामिल होंगे। जिसमें संबंधित विषय के बेसिक नॉलेज का 60 घंटे का अध्ययन होगा। तीन साल में जेनरिक विषय को ऐसे पढ़ाया जाएगा जिससे उस विषय के ज्ञान का स्टूडेंट आजीविका के लिए उपयोग कर सके। उदाहरण के लिए संस्कृति का जेनरिक पढऩे वाले को ज्योतिष और वैदिक शिक्षा दी जाएगी।

एनसीसी होगा वैकल्पिक विषय
कॉलेज के नए स्टूडेंट एनसीसी को भी वैकल्पिक विषय में चुन सकेंगे। लेकिन यह सुविधा उन्हीं महाविद्यालय में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट को मिलेगी। जहां एनसीसी की इकाई संचालित है। ऐसे ही केवल आट्र्स विषय के कॉलेजों में एडमिशन लेने वालों को विकल्प में कॉमर्स का जैनरिक तो मिलेगा लेकिन विज्ञान का नहीं।

Share:

Next Post

भ्रम से हो जाएं दूर, कम स्‍मोकिंग करना भी सेहत के लिए ज्‍यादा खतरनाक, पढ़ें

Mon May 31 , 2021
स्मोकिंग का शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे शरीर में फेफड़ों का कैंसर(lung cancer) दिल की बीमारी, एम्फाइज़िमा या फिर अन्य तरह की दिक्कतें होने लगती हैं। औसतन स्मोकिंग (Smoking) ना करने वालों की तुलना में स्मोकिंग करने वालों की मौत भी जल्दी हो जाती है। कुछ लोग लाख कोशिशों के बाद भी […]