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मप्र में अब जनता चुनेगी महापौर, राज्यपाल ने दी अध्यादेश को मंजूरी

– राजपत्र में अधिसूचना जारी, प्रभावी हुआ मप्र नगर पालिक विधि संशोधन अध्यादेश-2022

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नगर निगम (Municipal Corporation) के महापौर का चुनाव (election of mayor) सीधे जनता से कराया जाएगा। जबकि नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पार्षद अपने ही बीच से चुनेंगे। नगरीय निकाय चुनाव में प्रणाली को लेकर नए अध्यादेश (new ordinances) को गुरुवार को राज्यपाल की मंजूरी (Governor’s approval) मिल गई है। राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित (Notification published) भी कर दी गई है।


दरअसल, राज्य सरकार ने बुधवार देर शाम नया मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि (संशोधन) अध्यादेश 2022 का मसौदा तैयार किया था। इसके बाद गुरुवार को इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गुरुवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुलाकात कर अध्यादेश को मंजूरी देने का आग्रह किया था। इसके बाद राज्यपाल पटेल ने मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि (संशोधन) अध्यादेश 2022 जारी करने की अनुमति दे दी। वहीं, गुरुवार देर शाम राजपत्र में इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई और इसके साथ ही अध्यादेश प्रभावी हो गया।

गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ववर्ती कमल नाथ सरकार ने निकाय चुनाव परोक्ष प्रणाली से कराए जाने का नियम लागू किया था। शिवराज सरकार पहले इसे बदलकर प्रत्यक्ष चुनाव कराने के पक्ष में थी, लेकिन बाद में आंशिक परिवर्तन करते हुए सिर्फ महापौर का निर्वाचन जनता द्वारा किए जाने का अध्यादेश लाया गया है। नगरपालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का निर्वाचन पार्षद करेंगे। यह बदलाव कमलनाथ सरकार ने किया था, जो इस अध्यादेश में भी लागू रहेगा।

बता दें कि मध्य प्रदेश में 16 नगर निगम हैं, जहां अब महापौर का चुनाव जनता के माध्यम से होगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि (संशोधन) अध्यादेश 2022 को राज्यपाल की अनुमति मिलने के बाद इसे अधिसूचित कर दिया गया है।

यह बनाया आधार
सूत्रों का कहना है कि महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के लिए शहरों में हो रहे तेजी से विकास को आधार बनाया गया है। कोरोनाकाल के बाद तेजी से विकास के कार्य किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार भी शहरी विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। योजनाओं को क्रियान्वित करने और एक दिशा तय करने के लिए सशक्त नेतृत्व आवश्यक है। 413 नगरीय क्षेत्रों की जनसंख्या दो करोड़ बीस लाख से अधिक है। 16 नगर निगमों में आबादी 99 लाख और 99 नगर पालिकाओं में 56 लाख के आसपास है। (एजेंसी, हि.स.)

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