- 75वें अवतरण दिवस पर आचार्यश्री से अग्निबाण की बातचीत
इंदौर। जैन संत आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का कहना है कि कोरोना जैसी महामारी से भारत को बचाने का काम हमारे आयुर्वेद ने किया है। इस महामारी से जितने बड़े नुकसान की संभावना थी, आयुर्वेद ने उसे काफी कम किया है। आयुर्वेदिक काड़े और आयुर्वेदिक दवाईयों ने भारतीयों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना से बचने की शक्ति दी है। यह बात आचार्यश्री ने उनके 75वें अवतरण दिवस के अवसर पर उनसे आशीर्वाद लेने गए अग्निबाण भोपाल के संपादक रवीन्द्र जैन से बातचीत में कही। आचार्यश्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कैंसर जैसी भीषण बीमारी का उपचार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अब आयुर्वेद में खोजा जा रहा है। आचार्यश्री ने कहा कि कोरोना से बचाव में भारतीयों के खानपान और रहन-सहन का काफी असर रहा है। इस विश्व व्यापी महामारी के दौरान भारतीय आयुर्वेद का महत्व पूरी दुनिया ने समझा है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका को लेकर अनेक देश संतुष्ट नहीं हैं, इस पर विचार होना चाहिए। यह भी समझ से परे है कि चाईना की जिस प्रयोगशाला से यह वायरस फैला है वहां अमेरिका को अनुसंधान करने की अनुमति क्यों नहीं मिली। आचार्यश्री ने यह भी कहा कि अनेक देश कोरोना पर काबू नहीं पाता है, लेकिन चीन में यह नियंत्रण में है तो इसका क्या कारण है।
आचार्यश्री के बारे में
- 74 वर्ष के जीवन में 53 वर्ष कठिन साधना में बिताए।
- लगभग 50 ग्रंथों/धार्मिक पुस्तकों का लेखन।
- आचार्यश्री पर 56 पीएचडी एवं शोध कार्य हुए हैं।
- लगभग 250 बाल ब्रह्मचारी शिष्यों का समूह।
- हथकरघा के जरिए रोजगार देने की प्रेरणा।
- पूरे देश में सैकड़ों गौशालाओं के संचालन की प्रेरणा।
- अनेक तीर्थों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार।
- प्रतिभास्थली के माध्यम से बालिका शिक्षा को बढ़ावा।
- भारत से मांस निर्यात रोकने की पहल।
- मप्र सरकार ने आचार्यश्री के नाम से जीव दया पुरस्कार शुरू किया।
- 18 विश्वविद्यालयों में आचार्यश्री की पुस्तक मूकमाटी पाठ्यक्रम में शामिल।
- मप्र को बनाया साधना स्थली।
- केवल जैन नहीं जन-जन के आराध्य बने।