- सरकार का संस्थागत क्वारेंटाइन पर जोर, जारी की गाइडलाइन
भोपाल। सरकार ने कोविड-19 को लेकर पूरी तरह से अनलॉक कर दिया है। ऐसे में अब ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है। इससे निपटने के लिए सरकार ने नए सिरे से गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसके तहत सरकार ने संस्थागत क्वारेंटाइन पर जोर दिया है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए कोविड से बचाव के लिए आवश्यक उचित व्यवहार का पालन और उसका प्रचार.प्रसार करना आवश्यक है। इसके लिए सामुदायिक भागीदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी। लॉकडाउन खुलने और जीवन सामान्य होने के साथ.साथ कोविड का प्रसार संभावित है। इससे बचाव के लिए पॉजीटिव और संभावित रोगी केन्द्रित रणनीति पर कार्य करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से बचाव और जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए पुनरीक्षित गाइड लाइन का क्रियान्वयन आवश्यक है। इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपने बचाव के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का आवश्यक रूप से पालन करना होगा। चौहान ने कहा कि अब पॉजीटिव रोगी के द्वारा उसके उपचार में सहयोग और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में रोगी और उसके परिवार की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। पॉजीटिव रोगी को पूरी जानकारी लिखित में उपलब्ध कराने के लिए ब्राउशर प्रदान किया जाएगा।
बिना लक्षण वाले अथवा मंद लक्षण वाले पॉजीटिव रोगियों के लिए होम आइसोलेशन को प्रोत्साहित किया जाएगा। इन रोगियों की बेहतर मॉनीटरिंग के लिए जिला स्तर पर कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा।
फीवर क्लीनिक पर लिए जाएंगे सेम्पल
संभावित व्यक्तियों के सेम्पल संग्रहण के लिए फीवर क्लीनिक को प्राथमिक स्त्रोत के रूप में विकसित किया जाएगा। अब घर-घर जाकर सेम्पल संग्रहण की प्रक्रिया बंद होगी। फीवर क्लीनिक पर जाँच तथा सलाह की सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
वीडियो कॉल द्वारा होगी मॉनीटरिंग
होम आइसोलेशन मरीजों से सेंटर में तैनात डॉक्टर दिन में दो बार आवश्यक रूप से वीडियो कॉल कर स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे। इन केन्द्रों पर एम्बुलेंस अनिवार्यतरू रहेगी। किसी भी रोगी का स्वास्थ्य बिगडऩे पर उसे तत्काल अस्पताल शिफ्ट किया जाएगा।
शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों में होगा क्षमता संवर्धन
कोविड.19 की आगामी महीनों में संभावित स्थिति को देखते हुए शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में उपयुक्त बेड, ऑक्सीजन आपूर्ति, उपकरण तथा प्रबंधन में निरंतर क्षमता संवर्धन का कार्य किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले का केपेसिटी एडीशन प्लान बनाकर जिला कलेक्टर्स को उपलब्ध कराया गया है। स्वास्थ्य संस्थान कोविड रोगियों के चिकित्सकीय प्रबंधन से संबंधित अपने अनुभव तथा प्रशिक्षण संबंधी जानकारी परस्पर साझा करेंगे। रोगियों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे।