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अब सोलर एनर्जी से दौड़ रही ट्रेन, Indian Railway ने बीना में लगाया पहला सोलर प्लांट

भोपाल। इंडियन रेलवे (Indian Railway) सफलता के नये मुकाम छू रहा है। उसने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बीना (Bina) में सोलर पावर प्लांट (Solar Power Plant) लगाया है। इस प्लांट में तैयार सोलर एनर्जी (Solar Energy) से अब ट्रेनें दौड़ रही हैं। इससे रेलवे को हर साल 104 करोड़ रुपये की बचत (Saving of Rs 104 crore every year) हो रही है और 2160 टन कार्बन डाइऑक्साइड कम निकल रही है. यानि पर्यावरण की रक्षा भी रेलवे कर रहा है।

इंडियन रेलवे ने अपनी तरह का पहला सोलर पॉवर प्लान्ट बीना में लगाया है। यह पश्चिम मध्य रेल में 1.7 मेगावॉट क्षमता का सोलर पॉवर प्लांट है। इसमें तैयार सोलर एनर्जी से अब ट्रेनें चल रही हैं। सोलर प्लांट लगने से ऊर्जा की बचत और पर्यावरण का कम नुकसान हो रहा है। सोलर प्लांट लगने से हर साल 2160 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की कमी होगी, जो कि एक लाख पेड़ लगाने के बराबर है।


इंडियन रेलवे में सौर ऊर्जा के लिए तेजी से और व्यापक स्तर पर काम चल रहा है. योजना ये है कि सोलर प्लांट लगाने के लिए रेलवे भूमि की खाली पड़ी जमीन का उपयोग किया जाएगा।

इंडियन रेलवे का अपनी तरह का पहला प्लांट
यह सोलर प्लांट भारतीय रेलवे का पहला प्लांट है, जिसमें तैयार सौर ऊर्जा बिजली लाइन को सीधे फीड की जा रही है. इस प्लांट में सोलर एनर्जी तैयार होने से हर साल 2160 टन कम कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में मिलेगी. ये एक लाख पेड़ लगाने के बराबर है।

अनुपयोगी जमीन पर प्लांट
पश्चिम मध्य रेलवे, भोपाल मण्डल के बीना स्टेशन के पास रेलवे की खाली जमीन पर बीएचईएल के तकनीकी सहयोग से 1.7 मेगावॉट क्षमता का सोलर पॉवर प्लांट लगाया गया है. यहां डीसी वोल्टेज उत्पन्न होकर इन्वर्टर और ट्रांसफार्मर की सहायता से 25000 वोल्ट सिंगल फेस ए.सी. में बदला जाता है और फिर इससे 1.84 एमयू (मिलियन यूनिट) वार्षिक विद्युत ऊर्जा तैयार होती है. इससे रेलवे को हर साल लगभग 1.04 करोड़ रुपये की बचत हो रही है।

सोलर प्लांट में ऐसे बनती है बिजली
1) इस 1.7 मेगावॉट सोलर पावर प्लांट की क्षमता में 5800 सोलर मॉड्यूल हैं।
2) 1015 पाइल फाउंडेशन का उपयोग करके मॉड्यूल माउंटिंग स्ट्रक्चर के 145 सेट पर माउन्ट किया गया है।
3) 400 वोल्ट एल्टरनेटिव करेंट (एसी) को स्टेपप कर 25 किवी एसी में दो ट्रैक्शन ट्रांसफार्मर के जरिए फीड किया जाता है।
4) अंडर ग्राउंड ट्रांसमिशन केबल से 25 केवी एसी ट्रैक्शन सप सेशन और ओएचई में सप्लाई करती है।

इनका कहना है…
डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय ने कहा सौर ऊर्जा सबसे स्वच्छ ऊर्जा में से एक है। इससे पर्यावरण को दूषित करने वाली कोई गतिविधियां नहीं होतीं. इस प्लांट के लगने से रेलवे को तो फायदा हो ही रहा है. बीना के लोगों और पर्यावरण को भी लाभ पहुंच रहा है।

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