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MP में अब महिला स्व-सहायता समूहों को पोषण आहार का दायित्व

– प्रदेश के सात पोषण आहार संयंत्रों का संचालन करेंगे महिला स्व-सहायता समूह

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में मंगलवार शाम को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक (council of ministers meeting) हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिये गए। बैठक में प्रदेश के सात पोषण आहार संयंत्रों (nutrition food plants) का प्रबंधकीय कार्य मप्र एग्रो इण्डस्ट्रीज डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमि. से वापस लेकर मध्यप्रदेश राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों (Women Self Help Groups) के परिसंघों को सौंपे जाने के संबंध में निर्णय लिया। साथ ही बैठक में प्रदेश के 12 मार्गों पर 10 श्रेणियों को टोल पर छूट को भी मंजूरी दी गई।

प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद में पारित निर्णय संबंधी आदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी किया जाएगा।


उल्लेखनीय है कि मार्च 2018 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश की आंगनबाड़ियों में गर्भवती/धात्री माताओं, 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों तथा किशोरी बालिकाओं के लिए टीएचआर प्रदायगी का कार्य स्व-सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा किये जाने के लिए 7 टीएचआर संयंत्रों की स्थापना का निर्णय लिया गया था। उक्त निर्णय के परिप्रेक्ष्य में देवास, धार, होशंगाबाद, मण्डला, सागर, शिवपुरी एवं रीवा में संयंत्र स्थापित किए गए। इन सभी संयंत्रों से (भोपाल संभाग के जिले छोड़कर) प्रदेश के अन्य सभी जिलों में रेडी टू ईट टेकहोम राशन (टीएचआर) दिया जा रहा है। टीएचआर उत्पादन एवं प्रदायगी कार्य राज्य आजीविका फोरम द्वारा गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को सौंपा गया था। संयंत्रों से प्रदेश के बहुतायत महिला स्व-सहायता समूह एवं उनके परिसंघ जुड़े हैं। संयंत्रों के यथाआवश्यक कार्यो में प्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराने के साथ संयंत्रों के लाभांश में भी उनकी भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश शासन के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश 16 जनवरी 2020 द्वारा उक्तानुसार 7 संयंत्रों का प्रबंधकीय कार्य मध्य प्रदेश एग्रो इण्डस्ट्रीज डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा जाकर टीएचआर की प्रदायगी एमपी एग्रो द्वारा की जा रही थी।

12 मार्गों पर 10 श्रेणियों को टोल पर छूट
गृह मंत्री ने बताया कि मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम अंतर्गत पूर्व निर्मित 12 मार्गो पर यूजर फी कलेक्शन एजेंसी के माध्यम से उपभोक्ता शुल्क वसूलने की स्वीकृति दी है। साथ ही 10 श्रेणियों को टोल मे छूट भी प्रदान की है। भोपाल-बैरसिया-सिरोंज मार्ग, सिवनी-कटंगी मार्ग, नागदा-धार मार्ग, जबलपुर-पाटन-शाहपुरा मार्ग, नीमच-मनासा मार्ग, शुजालपुर-अकोदिया मार्ग, गंजबसौदा-सिरोंज मार्ग, बालाघाट-बैहर मार्ग, खण्डवा-मूंदी मार्ग, इंदौर-देपालपुर मार्ग, बुढार-अमरकंटक मार्ग और आगर-जावरा मार्ग पर अनुबंधित एजेंसी के माध्यम से उपभोक्ता शुल्क संग्रहण प्रथमत: पॉच वर्ष तक, जिसे आगामी पॉच वर्षो तक बढ़ाया जा सकेगा। तदनुसार स्वीकृति दी गई।

उपरोक्त 12 मार्गो पर दूरी आधारित टोल लगाये जाकर हल्के वाणिज्यिक वाहन, ट्रक और मल्टी एक्सल ट्रक की दर प्रत्येक पथकर प्लाजा पर प्रथम वर्ष थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर बढाई जायेगी। इन मार्गों पर टोल से भारत सरकार तथा मध्यप्रदेश सरकार के सभी यान जो कर्तव्य ड्यूटी पर हो को छूट प्रदान की गई है। इसी प्रकार संसद तथा विधानसभा सदस्यों के यान, भारतीय सेना की ड्यूटी के यान, एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड, भारतीय डाक तथा तार विभाग के यान, भूतपूर्व विधायकों एवं सांसदों के यान, स्वतत्रंता सग्राम सेनानियों एवं अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को छूट रहेगी। कृषि प्रयोजन के लिये उपयोग की जाने वाली ट्रैक्टर ट्राली और आटों रिक्शा, दो पहिया एवं बैलगाड़ियों पर भी छूट प्रदान की गई है।

राज्य स्तरीय समिति गठित करने का निर्णय
गृह मंत्री डॉ. मिश्र ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में उपार्जित धान की मिलिंग के लिए शेष मात्रा 3.82 लाख मे.टन एवं खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 की 1250 मे. टन धान को भारत शासन द्वारा केन्द्रीय पूल में मान्य नहीं करने के कारण मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को मिलिंग के लिए उनके पास शेष रही मात्रा ई- ऑक्शन के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुये विक्रय करने की अनुमति मंत्रि-परिषद द्वारा दी गई। मंत्रि-परिषद ने उक्त धान के विक्रय के लिए रिजर्व प्राईस/ ऑफसेट मूल्य के निर्धारण, निविदा प्रक्रिया के निर्धारण एवं नीलामी में प्राप्त दरों के अनुमोदन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन करने का निर्णय लिया।

पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग गठन का अनुसमर्थन
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के विशेष संदर्भ में उनके सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करने आवश्यक सुझाव एवं अनुशंसाएं राज्य सरकार को प्रस्तुत किये जाने के लिए गठित ‘मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग’ के गठन का अनुसमर्थन का निर्णय लिया।

एच-1 निविदाकार के पक्ष में नामांतरण
मंत्रि-परिषद ने सहकारिता विभाग की जिला भोपाल स्थित मंत्रालय गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित भोपाल की ग्राम सनखेड़ी, कोलार रोड परिसम्पत्ति (खसरा क्र. 56 रकबा 1326 वर्ग मीटर) के निर्वर्तन के लिए एच-1 निविदाकार उच्चतम निविदा राशि दो करोड़ छ: लाख रुपये का अनुमोदन करते हुए निविदाकार द्वारा उल्लेखित निविदा मूल्य राशि का 100 प्रतिशत जमा करने के बाद मध्यप्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित के परिसमापक संयुक्त आयुक्त, सहकारिता द्वारा उक्त परिसम्पत्ति के विक्रय पंजीकृत अनुबंध/ रजिस्ट्री का संपादन तथा एच-1 निविदाकार के पक्ष में नामांतरण किये जाने का निर्णय लिया गया।

रेत नियम में संशोधन
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश रेत (खनन,परिवहन,भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 में संशोधन का अनुमोदन किया। निर्णय अनुसार बडे जिले (रेत की अधिक मात्रा) में एक से अधिक समूह बनाकर निविदा जारी की जाएगी। रूपये 250 एवं निविदाकृत रेत मात्रा का गुणनफल प्रांरभिक आधार मूल्य (अपसेट प्राइज) निर्धारित किए जाएंगे। रेत समूह की निविदा का प्रकाशन राज्य स्तर से करने के बाद निविदा (ई-टेण्डर) की सभी प्रक्रियायें विकेन्द्रीकरण कर जिले स्तर से करने एवं रेत ठेकेदार से अनुबंध जिला स्तर पर किए जाएंगे। रेत समूह के ठेके की अवधि जून 2023 नियत की जाएगी। इसके अतिरिक्त अन्य तकनीकी सुधार मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 में किये गये हैं।

जन निजी भागीदारी से सतगढ़ी में खेल ग्राम का होगा निर्माण
मंत्रि-परिषद ने ग्राम सतगढ़ी भोपाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सर्व सुविधा युक्त “खेल ग्राम” का जन निजी भागीदारी के माध्यम से निर्माण का निर्णय लिया। ग्राम सतगढ़ी जिला भोपाल की कुल भूमि 69.91 हेक्टेयर (172 एकड़) के 50 एकड़ भूमि पर कंसेशनेयर मेसर्स एस्सेल इन्फ्राप्रोजेक्टस लिमिटेड मुम्बई द्वारा 200 करोड़ रुपये की लागत से स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा शेष 122 एकड़ भूमि पर रीयल स्टेट विकास के लिये जन निजी भागीदारी योजनांतर्गत10 सितम्बर 2008 को कन्सेशन एग्रीमेंट एवं 4 दिसम्बर 2008 को लीजडीड का निष्पादन किया गया।

कंसेशनेयर द्वारा कंसेशन की शर्तो अनुसार परियोजना का क्रियान्वयन नहीं करने तथा प्रीमियम की पूर्ण राशि यथासमय जमा नहीं करने के कारण परफॉरमेंस सिक्योरिटी के 20 करोड़ रूपये की बैंक गारंटी राजसात करने की कार्यवाही के संदर्भ में लंबे समय से प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया में होने के कारण मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि कंसेशनेयर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में लंबित अपील वापिस लेने के बाद परफारमेंस सिक्यूरिटी के 20 करोड़ रूपये की बैंक गारंटी वापिस की जाये। कंसेशनेयर द्वारा जमा की गई प्रीमियम की अंशराशि को राजसात किया जाये।

मंत्रिपरिषद के 6 अगस्त 2008 के निर्णय अनुसार ग्राम सतगढ़ी भोपाल में “खेल ग्राम” का जन निजी भागीदारी के माध्यम से निर्माण के अनुमोदन पर पुनर्विचार करते हुये सभी उपलब्ध विकल्पों के माध्यम से परियोजना के क्रियान्वयन के लिये विभाग को अधिकृत किया जाये।उभय पक्षों के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होने के बाद उभय पक्ष प्रश्नाधीन भूमि के परिप्रेक्ष्य में भविष्य में माननीय न्यायालयों के समक्ष किसी भी प्रकार का बाद प्रस्तुत नहीं करेंगे।

मंत्रि-परिषद् द्वारा लिये गये निर्णय से लगभग 13 वर्ष से मध्यप्रदेश शासन की भोपाल में स्थित न्यायालयीन जटिलताओं के कारण पडी बहुमूल्य अनुपयोगी 172 एकड़ भूमि का उपयोग नवीन अधोसंरचना विकास के लिये राज्य शासन द्वारा जन साधारण के लाभ के लिये किया जा सकेगा।

लोक परिसम्पत्तियों के रिजर्व मूल्य निर्धारण के लिये नीति
डा. मिश्रा ने बताया कि मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सीमा अंतर्गत निर्वर्तित की जाने वाली लोक परिसम्पत्तियों के रिजर्व मूल्य निर्धारण के लिए निर्णित नीति का अनुमोदन किया। मंत्रि- परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि सामान्य नीति में भू- उपयोग यथा व्यावसायिक/ आवासीय होने पर परिसम्पत्ति के रिजर्व मूल्य की गणना कलेक्टर द्वारा निर्धारित चालू वर्ष की गाइडलाइन (उपबंध को पृथक रखते हुए) अनुसार व्यवसायिक/ आवासीय विकसित प्लॉट की प्रति वर्गमीटर की दर के आधार पर की जायेगी । मिश्रित भू-उपयोग भूमि की परिसम्पत्तियों के रिजर्व मूल्य की गणना व्यावसायिक विकसित प्लाट की प्रति वर्गमीटर की दर के आधार पर की जायेगी। सार्वजनिक एवं अर्द्धसार्वजनिक भू- उपयोग की परिसम्पत्तियों के रिजर्व मूल्य की गणना आवासीय विकसित प्लॉट की प्रति वर्गमीटर की दर के आधार पर की जायेगी।

अविकसित भूमि के लिए इन्दौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर नगर निगम क्षेत्रों में 1000 वर्ग मीटर, अन्य नगर निगम/ नगर परिषद क्षेत्रों में 500 वर्ग मीटर एवं सभी नगर पंचायत क्षेत्रों में 300 वर्ग मीटर तक की भूमि को प्लाट के रूप में परिभाषित कर रिजर्व मूल्य भू- उपयोग अनुसार यथा व्यावसायिक/ आवासीय आधार पर विकसित प्लाट के लिए प्रति वर्गमीटर की दर अनुसार मूल्यांकन का 100 प्रतिशत एवं उक्त क्षेत्रफल से अतिरिक्त बढ़े हुए क्षेत्रफल का मूल्यांकन कलेक्टर द्वारा निर्धारित विकसित प्लाट के लिए प्रति वर्ग मीटर की दर अनुसार मूल्यांकन का 60 प्रतिशत के मान से किया जाये। इस प्रकार रिजर्व मूल्य का निर्धारण यथा 1000,500,300 वर्ग मीटर तक मूल्यांकन का 100 प्रतिशत एवं अतिरिक्त बढ़े हुए क्षेत्रफल की मूल्यांकन के 60 प्रतिशत का योग होगा। सामान्य: अविकसित भूमि को विकसित करने पर विक्रय योग्य लगभग 60 प्रतिशत भू-खण्ड प्राप्त होते है, इसलिए अविकसित भूमि का 60 प्रतिशत उपरोक्त गणना में लिया गया है।

ऐसी परिसम्पत्तियॉ जो नगर तथा ग्राम निवेश लेआउट के भीतर प्लाट के रूप में स्वीकृत हैं, उनमें क्षेत्रफल बंधनकारी नहीं होगा। ऐसी परिसम्पत्तियों के रिजर्व मूल्य की गणना भू-उपयोग अनुसार व्यावसायिक/ आवासीय विकसित प्लाट के लिए प्रति वर्ग मीटर की दर अनुसार मूल्यांकन का 100 प्रतिशत रखी जायेगी। औद्योगिक परिसम्पत्तियों पर स्थापित प्लांट एवं मशीनरी को स्क्रेप के रूप में निर्वर्तन किये जाने के लिए शासकीय,अर्द्धशासकीय,सहकारिता संस्था द्वारा नियुक्त मूल्यांकनकर्ता के प्राप्त मूल्यांकन अनुसार रिजर्व मूल्य की गणना 100 प्रतिशत के मान से की जायेगी। निर्मित संरचना की परिसम्पत्ति के मूल्य की गणना ” सम्पत्ति से संबंधित लिखत पर स्टाम्प शुल्क की प्रभार्यता अवधारित करने के प्रयोजन के लिए प्रशासित मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम, 2018 के अधीन बनाये गये नियमों के अंतर्गत स्थावर सम्पत्ति के बाजार मूल्य की सूची (गाइडलाइन) वर्ष 2021-22 के लिए उपबंध अन्तर्गत ” भवनों के लिए उपबंध” अनुसार निर्धारित किया जाकर रिजर्व मूल्य की गणना 100 प्रतिशत के मान से की जायेगी।

सार्वजनिक एवं अर्द्धसार्वजनिक भू- उपयोग वाली परिसम्पत्तियों का निर्वर्तन यथा संभव वाणिज्यिक/ मिश्रित भू- उपयोग में उपांतरण कर किया जायेगा। ऐसी भूमियां जो निवेश क्षेत्र के बाहर/अधिसूचित/ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है तथा किसी मास्टर प्लान का हिस्सा नहीं है, के रिजर्व मूल्य की गणना करने में कलेक्टर द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद परिसम्पत्ति के आसपास के क्षेत्र के व्यवहारिक भू- उपयोग के आधार पर परिसम्पत्ति का भू-उपयोग निर्धारित किया जावेगा। यह निर्धारण केवल रिजर्व मूल्य को निर्धारित करने के प्रयोजन से किया जावेगा। ऐसी भूमि जोकि मास्टर प्लान का हिस्सा है वहाँ का भू-उपयोग नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा निर्धारित किया जायेगा।

भू-उपयोग, परिसम्पत्ति के रिजर्व मूल्य के निर्धारण में महत्वपूर्ण घटक है। सफल निविदाकार को प्रचलित नियमों के अंतर्गत निर्वर्तित परिसम्पत्ति के भू-उपयोग में परिवर्तित करने की स्वतंत्रता होगी। इसके लिए निर्धारित शुल्क पृथक से देय होगा। (एजेंसी, हि.स.)

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