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लोगों ने भाजपा नेता को घेरा, जान बचाने के लिए नेता ने लगाई दौड़

रुद्रप्रयाग। देवस्‍थानम एक्‍ट (Devasthanam Act) का विरोध कर रहे कुछ लोगों ने रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) स्थित उखीमठ में बुधवार को बवाल कर दिया. भीड़ ने बीजेपी (BJP) के नेता पंकज भट्ट को घेर लिया और इस दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की करते हुए मारपीट की. पंकज किसी तरह से अपनी जान बचाते हुए कार में बैठे लेकिन लोगों ने उनकी कार को आगे नहीं बढ़ने दिया. सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को संभालने का प्रयास किया लेकिन वो भी नाकाफी दिखा. बाद में पंकज ने किसी तरह गाड़ी आगे बढ़ाई तो वो ऐसी जगह पर अटक गए जहां पर गाड़ी ले जाने का रास्ता नहीं था.

किसी तरह से पंकज अपनी कार से निकले और भाग कर पास की एक ऊंची दीवार को फांदा. बाद में वे वहां मौजूद घरों में होते हुए बच कर निकले. इस दौरान लगातार भीड़ उनके पीछे भागती रही और अपशब्द कहती रही. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने बना लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. जिसके बाद ये वीडियो तेजी से वायरल हो गया.


जानकारी के अनुसार पंकज ऊखीमठ में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थपुरोहितों की रैली का समर्थन करने पहुंचे थे. ऊखीमठ बाजार से तहसील तक तीर्थपुरोहितों की आक्रोश रैली थी, बताया जा रहा है कि तीर्थपुरोहितों की रैली का समर्थन करने पहुचे बीजेपी नेता पंकज भट्ट को देख तीर्थपुरोहित आग बबूला हो गए, दरअसल भाजपा नेता पंकज भट्ट पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के काफी करीबी माने जाते हैं. ऐसे में जैसे ही तीर्थपुरोहितों को इसकी भनक लगी, उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया, पूरे मामले में तीर्थपुरोहितों का कहना है कि भाजपा नेता ने तहसील गेट में जानबूझ कर गलत ढंग से गाड़ी लगाई थी ताकि रैली तहसील में न जा सके. वहीं भट्ट का कहना है कि बीते 2 सालों से कोरोना के चलते तीर्थपुरोहित यात्रा न होने से भी आक्रोशित हैं, साथ ही उन्होंने सरकार से देवस्थानम बोर्ड भंग करने की भी मांग की.

पुजारी कर रहे हैं विरोध
गौरतलब है कि देवस्थानम अधिनियम (Devasthanam Act) को त्रिवेंद्र रावत सरकार की ओर से केदारनाथ (Kedarnath), बद्रीनाथ (Badrinath), यमुनोत्री (Yamunotri) और गंगोत्री मंदिरों को एक आईएएस अधिकारी द्वारा शासित देवस्थानम बोर्ड के दायरे में लाने के लिए पेश किया गया था. अब उत्तराखंड (Uttrakhand) के पुजारी इस अधिनियम का विरोध कर रहे हैं और इसे वापस लेने की बात कह रहे हैं. गौरतलब है कि त्रिवेंद्र रावत ने सभी पुजारियों ने इस मामले को देखने का भी वादा किया था लेकिन बाद में मुख्यमंत्री बदल गए.
देवस्‍थानम एक्ट (Devasthanam Act) को भंग करने के लिए लगातार पुजारी विरोध कर रहे हैं और प्रदर्शनों का दौर भी जारी है. गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के पुजारी इसका विरोध करते हुए धरने पर भी बैठ गए हैं. वहीं काली पट्टी बांध कर भी पुजारी इसका विरोध कर रहे हैं. मामले में केदार सभा व गंगोत्री के पंडा पुरोहितों ने भी याचिका दाखिल कर सरकार के फैसले का कोर्ट में विरोध किया, तो देहरादून की रुलेक संस्था ने सरकार के बचाव में अपनी याचिका दाखिल की.

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