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PM ने की Covid की स्थिति और vaccination की समीक्षा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कोविड-19 से जुड़ी स्थिति और देश में जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने नए कोविड म्यूटेंट की निगरानी के लिए निरंतर जीनोम सिक्वेंसिंग की आवश्यकता के बारे में बात की।

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार जिन विषयों पर बैठक में चर्चा की गई, उसमें कोविड-19 परिदृश्य की समीक्षा, प्रतिक्रिया के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी, मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता और कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण से संबंधित मामले शामिल थे।


बैठक में अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकोग) की अब देश भर में वितरित 28 प्रयोगशालाएं हैं। क्लिनिकल सहसंबंध के लिए लैब नेटवर्क को अस्पताल नेटवर्क से भी जोड़ा गया है। जीनोमिक सर्विलांस के लिए सीवेज सैंपलिंग भी की जा रही है। प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया कि राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे सार्स-कोव-2 पॉजिटिव नमूने इंसाकोग के साथ नियमित रूप से साझा करें।

इस बात पर चर्चा हुई कि दुनिया भर में ऐसे देश हैं जहां सक्रिय कोविड मामलों की संख्या अधिक बनी हुई है। भारत में भी, महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों के आंकड़े बताते हैं कि ढिलाई के लिए कोई स्थान नहीं है। हालांकि, लगातार 10वें हफ्ते साप्ताहिक कोविड पॉजिटिव दर तीन प्रतिशत से कम रही।

प्रधानमंत्री ने बाल चिकित्सा देखभाल के लिए बिस्तर क्षमता की स्थिति और ‘कोविड आपातकालीन प्रतिक्रिया पैकेज II’ के तहत प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की वृद्धि की समीक्षा की। बैठक में यह भी चर्चा की गई कि राज्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति का प्रबंधन करने के लिए इन क्षेत्रों में प्राथमिक देखभाल और तालुका स्तर की स्वास्थ्य बुनियादी सुविधाओं की संरचना को फिर से डिजाइन और पुनर्निर्देशित करने की सलाह दी जाए। प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे कोविड-19, माइकोराइजा, एमआईएस-सी के प्रबंधन के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं की मात्रा जिला स्तर पर बनाए रखें।

प्रधानमंत्री को आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और पीडियाट्रिक आईसीयू के साथ-साथ पीडियाट्रिक वेंटिलेटर में वृद्धि के बारे में भी जानकारी दी गई। आने वाले महीनों में आईसीयू बेड और ऑक्सीजन बेड की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की जाएगी।

प्रधानमंत्री ने देशभर में पर्याप्त परीक्षण सुविधाओं की आवश्यकता की बात कही। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि 433 जिलों में जन स्वास्थ्य सुविधाओं में आरटी-पीसीआर प्रयोगशाला सुविधा स्थापित करने में सहयोग दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऑक्सीजन सांद्रता, सिलेंडर और पीएसए संयंत्र सहित ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़े। प्रत्येक जिले में कम से कम एक यूनिट को सपोर्ट करने के उद्देश्य से 961 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक और 1,450 मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम स्थापित करने का भी प्रयास चल रहा है। एम्बुलेंस के नेटवर्क का भी विस्तार किया जा रहा है ताकि प्रत्येक तालुका में कम से कम एक एम्बुलेंस उपलब्ध हो। प्रधानमंत्री ने देशभर में लगने वाले पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थिति की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया कि राज्यों में लगभग 1 लाख ऑक्सीजन कंसंटेटर और 3 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर वितरित किए गए हैं।

प्रधानमंत्री को वैक्सीन के बारे में बताया गया कि भारत की लगभग 58 फीसदी वयस्क आबादी को पहली खुराक मिल चुकी है और भारत की वयस्क आबादी की करीब 18 फीसदी आबादी को दूसरी खुराक मिल चुकी है। प्रधानमंत्री को इन-प्रोसेस टीकों और टीकों की आपूर्ति में वृद्धि से भी अवगत कराया गया।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, स्वास्थ्य सचिव, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) सहित अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य मंत्रालय अभी भी इस बात पर जोर दे रहा है कि देश में वर्तमान में कोरोना कि दूसरी लहर से ही गुजर रहा है। (एजेंसी, हि.स.)

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