
- संशोधन के बाद पूर्व आईएएस अधिकारियों को प्रशासक बनाया जा सकेगा
उज्जैन। राज्य शासन महाकाल मंदिर अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रहा है। शहर के बड़े मंदिर भी इसके बाद मंदिर समिति के अधीन हो जाएँगे, वहीं व्यवस्थाओं के संचालन के लिए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों की पदस्थापना के साथ ही मंदिर संचालन और संधारण के नियमों में भी परिवर्तन होगा।
सरकार महाकाल मंदिर का अधिनियम बदलाव की तैयारी कर रही है इसके बाद मंदिर के कई नियम और कायदे बदल जाएंगे। उज्जैन के सभी बड़े मंदिर समिति का होंगे हिस्सा। महाकाल मंदिर में हाल की घटनाओं, जैसे आग लगने से सेवक की मौत, दर्शन के नाम पर ठगी और अन्य विवादों के कारण मंदिर की छवि खराब हुई है। अब व्यवस्थाओं में सुधार के लिए महाकाल मंदिर का 43 साल पुराना अधिनियम बदलने की तैयारी है। इस प्रक्रिया को अगले एक-दो महीनों में अमलीजामा पहनाया जा सकता है। इसके बाद मंदिर के कई नियमों में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। मंदिर समिति में कर्मचारियों की नियुक्ति, प्रशासक की भूमिका और दर्शन व्यवस्था को नए सिरे से तय किए जा सकते हैं। महाकाल मंदिर के एक्ट को गुजरात के सोमनाथ ट्रस्ट के अधिनियम की तर्ज पर तैयार करने की योजना बनाई जा रही है। महाकालेश्वर मंदिर अधिनियम 1982 में बदलाव किया जाएगा। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के संचालक और उज्जैन संभाग के कमिश्नर संजय गुप्ता ने बताया कि एक-दो माह में मंदिर अधिनियम में बदलाव होगा। इसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, जो सुझाव आमंत्रित करेगी।
पुराने जमीन विवाद में दो परिवारों के बीच मारपीट
भाटपचलाना थाना क्षेत्र के ग्राम में कल शाम पुराने जमीन विवाद के चलते दो परिवारों के बीच मारपीट हो गई। घटना में दो लोग घायल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। भाटपचलाना थाना पुलिस ने बताया कि समीप के ग्राम कमठाना में रहने वाले राधेश्याम रावल की कल शाम जमीन संबंधी पुराने विवाद को लेकर ग्राम में ही रहने वाले मुन्नालाल पिता शंकरलाल भाटिया से कहासुनी हो गई। दोनों पक्षों के बीच बात बढऩे पर मारपीट शुरू हो गई और काफी देर हंगामा मचा।