भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी

  • अस्पताल संचालकों से लेकर डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ एमआर पर भी गिरेगी गाज
  • शिकायत आने पर दर्ज हो रहे हैं केस
  • ठीक हो चुके मरीजों से परिजनों की जांच में ली जाएगी मदद

भोपाल। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बीच जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी (Black Marketing) से प्रदेश की देशभर में बदनामी हो रही है। तमाम बंदिशों के बावजूद भी सरकार रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) समेत अन्य जरूरी दवाओं की कालाबाजारी (Black Marketing) नहीं रोक पा रही है। ऐसे में सरकार अब कालाबाजारियों (Black Marketers) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। राज्य शासन ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों (Collector and Superintendents of Police) को निर्देश दिए हैं कि दवाओं की कालाबाजारी (Black Marketing) की शिकायत आने पर अनिवार्य रूप से केस दर्ज करें। जांच में दवाओं की कालाबाजारी (Black Marketing) में शामिल स्टॉकिस्ट (Stockist) से लेकर सप्लायर एवं इस गोरखधंधे में शामिल सभी पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाए। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि कालाबाजारी (Black Marketing) से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) बेहद नाराज हैं। जैसे ही कोरेाना संक्रमण (Corona Infection) से हालात सुधरेेंगे, वैसे ही हर जिले में स्पेशल टीम (Special Team) बनाकर कालाबाजारियों (Black marketers) के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मौजूदा हाल में पुलिस एवं प्रशासन का पूरा ध्यान व्यवस्था संभालने पर है। इस वजह से पुलिस कालाबाजारियों (Black marketers) के खिलाफ ठोक कार्रवाई नहीं कर पा रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) की कालाबाजारी (Black Marketing) की शिकायत की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी (Police officer) ने बताया कि जांच टीम को बड़े लोगों के शामिल होने का पता चला है, जब टीम ने उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया, तब वे कोविड गाइडलाइन (Covid Guidline) का हवाला देकर पुलिस कार्रवाई (Police action) से बचने की कोशिश कर रहे हैं। बताया गया कि जांच टीम ऐसे लोगों के संपर्क में भी हैं, जिन्होंने रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) कालाबाजारियों से खरीदा। इनके जरिए पुलिस कालाबाजारियों (Black Marketers)  की कुंडली तैयार कर रही है। हालांकि राज्य शासन ने निर्देश दिए हैं कि दवाओं की कालाबाजारी (Black Marketing) से संबंधित हर शिकायत को दर्ज किया जाए।

गृह मंत्री ने भी दिखाई सख्ती
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी जीवन रक्षक औषधियों की कालाबाजारी करने वालों पर सख्ती कार्रवाई के निर्देश मप्र पुलिस को दिए हैं। मिश्रा ने यहां तक कहा कि यह ऐसा अपराध है जिसे किसी भी हाल में माफ नहीं किया जाएगा। पुलिस अधिकारी कालाबाजारियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करें।

सरकार के निशाने पर कालाबाजारी
कोरोना काल में जिस तरह से दवाओं की कालाबाजारी हो रही है। उसके बाद कालाबाजारी सरकार के निशाने पर आ गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आपदा को अवसर में बदलने वाले ऐसे कालाबारियों से बेहद नाराज हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि जिस तरह से प्रशासन ने भोपाल, इंदौर,जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन जैसे जिलों में भूमाफिया के खिलाफ अभियान चलाया था। वैसा ही अभियान इन जिलों में जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ चलेगा।

शुरू होगी सख्ती
जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी में कई निजी अस्पताल, उनमें कार्रवाई पैरामेडिकल स्टाफ, सरकारी अस्पतालों में कार्रवाई पैरामेडिकल स्टाफ के भी मिलीभगत के मामले सामने आए हैं। कालाबाजारियों से कुछ औषधि निरीक्षकों के संपर्कों का भी पुलिस को पता चला है। भोपाल की क्राइम ब्रॉच को कालाबाजारी से जुड़ी जांच में बड़े नामों का पता चला है। हालांकि इस संबंध में क्राइम ब्रॉच के अफसरों ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि कोरेाना संक्रमण से जैसे ही हालात सामान्य होंगे, वैसे ही दवा माफिया के खिलाफ एक अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सभी निजी एवं सरकारी अस्पतालों में हजारों की संख्या में कोरेाना मरीज भर्ती हैं। यदि मौजूदा हाल में ज्यादा सख्ती की तो फिर हालात बिगडऩे का खतरा है।

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