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करियर को लेकर रविचंद्रन अश्विन का बड़ा बयान, कहा- ऐसा हुआ तो छोड़ दूंगा क्रिकेट खेलना

डेस्‍क। भारत की टेस्ट टीम (Indian Test Team) का अहम हिस्सा और मौजूदा समय के बेहतरीन स्पिनरों में से एक रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) दिन ब दिन अपने खेल को बेहतर करते जा रहे हैं और नए मुकाम हासिल करते जा रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर यह देखने को मिला था.

अश्विन की गेंदबाजी की दुनिया कायल है और कई लोग उन्हें महान गेंदबाज तक कह चुके हैं. इस समय हालांकि भारतीय टीम में स्पिन को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा है. रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ी भी हैं. लेकिन अश्विन को इस बात की चिंता नहीं है. बल्कि उनका कहना है कि प्रतिस्पर्धा से उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है और जिस दिन उन्हें लगा कि खुद में सुधार करने की उनकी ललक कम हो रही है तो वह खेल छोड़ देंगे.

अश्विन को खेल के पहलुओं के बारे में सोचने वाले क्रिकेटर के रूप में जाना जाता है, जो हमेशा अपने खेल में कुछ नया, कुछ अतिरिक्त तलाशने का प्रयास करते हैं. उनका यह रवैया उनके पूरे करियर के लिए फायदेमंद रहा है. अश्विन ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच यहां खेले जा रहे विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल से पहले आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) से कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट की खूबी यह है कि आप हमेशा ‘परफेक्ट (सर्वोत्त्म)’ बनने की ख्वाहिश रखते हैं लेकिन आप उत्कृष्टता से भी खुशी हासिल कर सकते हैं. इसलिए मैं ऐसा करता हूं.’’


अश्विन ने कहा है कि उन्होंने अपने खेल को लेकर किसी भी चीज से समझौता नहीं किया है. उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि मैंने अपने करियर में अब तक जो कुछ भी हासिल किया है, वह इसी नजरिये के कारण है, मैंने किसी भी चीज के लिए समझौता नहीं किया, लगातार सुधार की तलाश में रहता हूं. मैं फिर से यह कहना चाहूंगा कि अगर मुझे अलग-अलग चीजें करना पसंद नहीं होगा और मैं कुछ नया करने के लिए धैर्य नहीं रख पाऊंगा या संतुष्ट हो जाऊंगा तो मैं खेल जारी नहीं रख सकता हूं.’’

चेन्नई के इस 34 साल के गेंदबाज ने टेस्ट क्रिकेट में 409 विकेट चटकाए हैं. उन्हें विवादों से जुड़ना पसंद नहीं है लेकिन अगर छेड़ा गया तो वह अपने प्रदर्शन से जवाब देने में पीछे नहीं हटते है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि मैं विवादों का लुत्फ उठाता हूं लेकिन मुझे संघर्ष करने में अच्छा लगता है और यही कारण है कि मैं यहां तक पहुंचा हूं. मैं जीत का उतना जश्न नहीं मनाता जितना मुझे आदर्श रूप से मनाना चाहिए क्योंकि मेरे लिए जीत एक घटना भर है. मैं मानता हूं कि यह योजना और अभ्यास के समावेश से मिलती है. मैं जीतने के बाद भी बैठकर सोचता हूं कि इससे बेहतर क्या हो सकता है.’’

अश्विन ने स्वीकार किया कि वह अपने प्रदर्शन के बारे में ज्यादा बात करना पसंद नहीं करते क्योंकि उनके लिए खेल खेलना और इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करना उनका पेशा है. उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं वास्तव में अपने प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान नहीं देता हूं. सच्चाई से कहूं तो मैं मुझे यह तथ्य पसंद नहीं कि मैं किस कारण से पहचाना जाता हूं. भारत में आपकी बहुत प्रशंसा होती है लेकिन मैं सिर्फ एक सामान्य व्यक्ति हूं जो खेल खेलकर शांति और खुशी पाता है.’’

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