नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) के शीर्ष अधिकारियों ने एक संसदीय समिति (parliamentary committee) से कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से का ‘‘डॉलरीकरण’’ हो सकता है जो भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा.
फाइनेंशियल सिस्टम की स्थिरता को लेकर चुनौतियां
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बात रखी. उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी आशंकाओं से उन्हें अवगत करवाया और कहा कि इससे फाइनेंशियल सिस्टम की स्थिरता को लेकर चुनौतियां खड़ी होंगी.
समिति के एक सदस्य के मुताबिक, रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने कहा, ‘‘यह मौद्रिक नीति तय करने और देश की मौद्रिक प्रणाली का नियमन करने की केंद्रीय बैंक की क्षमता को गंभीर रूप से कमतर करेगी.’’ उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में विनिमय का माध्यम बनने की क्षमता है और यह घरेलू स्तर पर तथा सीमापार होने वाले वित्तीय लेनदेन में रुपये का स्थान ले सकती है. केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने कहा कि ये करेंसी ‘‘मौद्रिक प्रणाली के एक हिस्से पर काबिज हो सकती है और प्रणाली में धन के प्रवाह के नियमन की आरबीआई की क्षमता को भी कमतर कर सकती है.’’
आतंक के फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और तस्करी में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल का खतरा
रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने आगाह किया कि आतंक के फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और मादक पदार्थों की तस्करी में भी क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है और यही नहीं, यह देश की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है. उन्होंने संसदीय समिति से कहा, ‘‘लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी डॉलर पर आधारित हैं और इन्हें विदेशी निजी संस्थान जारी करते हैं. ऐसे में संभव है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो जाए जो देश के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा.’’
बैंकिंग सिस्टम पर भी नकारात्मक असर
आरबीआई के अधिकारियों ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का बैंकिंग सिस्टम पर भी नकारात्मक असर होगा क्योंकि आकर्षक एसेट्स होने के कारण हो सकता है कि लोग अपनी मेहनत की कमाई इनमें लगाएं जिसके परिणामस्वरूप बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो.
देश में क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों की संख्या 1.5 से 2 करोड़ के बीच
इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी और इससे जुड़ी एसेट्स के कारोबार पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की थी. एक अनुमान के मुताबिक, देश में क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों की संख्या 1.5 करोड़ से दो करोड़ के बीच है जिनके पास करीब 5.34 अरब डॉलर क्रिप्टो करेंसी है.