डेस्क। कर्नाटक के चिकमंगलूरु जिले के कोप्पा में एक सरकारी डिग्री कॉलेज प्रशासन छात्रों से असमानता और भेद-भाव के कारण सांप्रदायिक विवाद में फंस गया है। कॉलेज प्रबंधन की ओर से छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति देने के बाद छात्रों ने भी भगवा गमछा गले में डालने की अनुमति मांगी थी। अनुमति नहीं देने बाद छात्रों ने विरोध स्वरूप गमछा पहनना शुरू कर दिया है। इसे लेकर विवाद गहरा गया है।
विरोध के बाद 10 जनवरी तक कॉलेज में ड्रेस कोड निलंबित
जानकारी के अनुसार, कुछ छात्रों ने कक्षाओं में हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं के विरोध में भगवा रंग का स्कार्फ पहना था। मामले के तूल पकड़ने और छात्रों के विरोध के बाद कोप्पा तालुका के बालागड़ी फर्स्ट ग्रेड कॉलेज के प्रिंसिपल ने 10 जनवरी तक कॉलेज में ड्रेस कोड निलंबित कर दिया है।
प्रिंसिपल प्रोफेसर एस अनंत ने छात्रों के लिए ड्रेस कोड पर फैसला करने के लिए माता-पिता को 10 जनवरी को एक बैठक में भाग लेने के लिए कहा है। इस बैठक में क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि भी बुलाए गए हैं। प्रिंसिपल का कहना है कि सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा था, लेकिन कल अचानक कुछ छात्र स्कार्फ पहनकर क्लास में आ गए। वे कुछ स्टूडेंट्स के ड्रेस कोड पर आपत्ति जता रहे थे। हम विधायक टीडी राजे गौड़ा की अध्यक्षता में बैठक करेंगे, जो कॉलेज विकास समिति के अध्यक्ष भी हैं।
कक्षाओं को छोड़कर कैंपस में कहीं भी पहन सकती हैं हिजाब
कॉलेज के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि लड़कियां अपना हिजाब कैंपस में कक्षाओं को छोड़कर कहीं और पहन सकती हैं। कॉलेज में 850 छात्र नामांकित हैं। लगभग 50 छात्रों के एक समूह ने 04 जनवरी को विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि कक्षाओं में भाग लेने के दौरान भगवा गमछा पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने की अनुमति है।
अलग-अलग हैं ड्रेस कोड, तीन साल पहले भी उठा था विवाद
प्राचार्य प्रोफेसर अनंत ने कहा कॉलेज में पेश किए जाने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों को देखते हुए हमारे पास अलग-अलग ड्रेस कोड हैं। हालांकि, कुछ छात्राओं द्वारा पहने जाने वाले हिजाब पर कुछ छात्रों ने आपत्ति जताई है। वे भगवा दुपट्टे पहनने की अनुमति की मांग कर रहे हैं। तीन साल पहले जब इस मुद्दे को उठाया गया था, तो माता-पिता की बैठक में निर्णय लिया गया था कि मुस्लिम लड़कियां अपने सिर को दुपट्टे से ढक सकती हैं। अब कॉलेज में नए छात्र जुड़ गए हैं। वे फिर से इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
समाधान नहीं निकला तो तेज होगा आंदोलन
छात्रों क कहना है कि तीन साल पहले, कॉलेज में इसी तरह का विवाद खड़ा हो गया था और यह तय किया गया था कि कोई भी हिजाब पहनकर कॉलेज में नहीं आना चाहिए, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कुछ छात्राएं इसे पहनकर कॉलेज में आ रही हैं। इसलिए, छात्रों ने भी भगवा दुपट्टा पहनकर आने का फैसला किया। छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर इस मुद्दे का समाधान नहीं किया गया तो वे आने वाले दिनों में अपना विरोध तेज करेंगे।
उडुपी में भी हुआ था हिजाब पहनने पर विवाद
गौरतलब है कि कर्नाटक में हाल ही में इसी तरह की एक घटना में, उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं को कथित तौर पर हिजाब पहनने के कारण कक्षा में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था। इस मामले ने भी काफी तूल पकड़ा था।