इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अग्निबाण की खोज, इंदौर की एक ही करोड़ों की जमीन इस तरह हुई कौड़ी-कौड़ी

  • 60 सालों में इस तरह तबाह हुई खासगी संपत्तियां
  • पीपल्याराव की 11 एकड़ से अधिक जमीन पर ट्रस्ट ने ही कराया लोगों का कब्जा
  • जो गया उसे लीज पर दे डाली जमीनें

इंदौर। खासगी ट्रस्ट के स्वामित्व की जमीनों पर किस तरह के कब्जे हैं इस बात का पता ट्रस्ट के स्वामित्व की एक भूमि की स्थिति देखकर लगाया जा सकता है। ट्रस्ट के स्वामित्व के पीपल्याराव स्थित गणपति मंदिर के नाम पर खसरा नंबर 160/1/1, रकबा 0.166, 160/2/1, रकबा 2.075, 160/3/1, रकबा 0.214, 160/4/1, रकबा 0.1834, 161 रकबा 2.327, 162 रकबा 5.119 कुल रकबा 11.745 एकड़ जमीन है। उक्त गणपति मंदिर की 11 एकड़ से अधिक जमीन पर व्यवस्थापक खासगी ट्रस्ट के नाम के साथ ही पुजारी सीताराम पिता कन्हैयालाल का नाम शामिल है। राजस्व दस्तावेजों के अनुसार ही इस विशाल भूमि पर पक्के मकान बने होने का उल्लेख है। निगम के दस्तावेजों के अनुसार उक्त भूमि झोन क्रमांक 6 के वार्ड क्रमांक 67 में शामिल होकर उस पर अब ब्रह्मपुरी कालोनी का निर्माण हो चुका है। अब राज्य शासन चाहे भी तो उसे इन मकानों को तुड़वाना या इन पर अपना कब्जा प्राप्त करना बेहद मुश्किल होगा। जिस तरह शासन की भूमि पर बसे लोगों को हटाना मुश्किल होता है उसी तरह खासगी भूमि पर बसे लोगों को हटाना और जमीन हासिल करना बेहद मुश्किल होगा। यह तो केवल एक भूमि का उदाहरण है। इसी तरह ट्रस्ट की हजारों एकड़ भूमि पर लोगों ने कब्जे कर रखे हैं और कब्जा करने वाले लोगों की तादाद इतनी बड़ी है कि उन्हें बेदखल करना सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि कब्जा करने वालों के पास ट्रस्ट के ही लीज दस्तावेज हैं।

 

Share:

Next Post

खासगी ट्रस्ट की कृषि भूमि पर ट्रस्ट ने ही कालोनी की तरह 1500-1500 फीट के प्लाट बेच डाले

Mon Oct 12 , 2020
अग्निबाण के पास हैं भूमि के दस्तावेज गणपति मंदिर की जमीन के दो मामले खासगी ट्रस्ट के कर्ताधर्ताओं में इंदौर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी, यानी संभागायुक्त का नाम शामिल होने के कारण जिला प्रशासन की मौन स्वीकृति कुछ इस तरह रही कि शासन के स्वामित्व की संपत्तियों की देखरेख के लिए बनाए गए ट्रस्ट द्वारा […]