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कराची में दिखी Pak Navy की सीक्रेट मिनी पनडुब्बी, क्‍या भारत के लिए है खतरा ?

इस्लामाबाद । पाकिस्तानी नौसेना (Pakistani Navy) की सीक्रेट मिनी पनडुब्बी (secret mini submarine) की पहली तस्वीर आखिरकार सामने आ गई है। पाकिस्तान ने इस खुफिया हथियार को साल 2016 से दुनिया की नजरों से छिपाकर रखा था। अब इस पनडुब्बी को कराची के नौसैनिक हार्बर (naval harbor) पर ड्राई डॉक (dry dock) में देखा गया है। मरम्मत के लिए लाई गई इस पनडुब्बी के ऊपर कोई कवर नहीं लगाया गया था। इसी दौरान आसमान से गुजर रही सैटेलाइट ने इस मिनी पनडुब्बी की तस्वीर क्लिक कर ली।

रिपेयरिंग के दौरान ली गई तस्वीर
इस तस्वीर को ओपन सोर्स इंटेलिजेंस ट्विटर हैंडल @detresfa_ ने जारी किया है। इस तस्वीर में पाकिस्तान के कराची में नेवल ड्राई डॉकयॉर्ड में खड़ी मिनी पनडुब्बी को काफी ऊंचाई से दिखाया गया है। हैंडल ने अपने कैप्शन में एक लिंक को भी शेयर किया है। जिसमें इस पनडुब्बी के बारे में कुछ जानकारी दी गई है।

पहले भी दिखाई दी थी इस पनडुब्बी की झलक
दुनियाभर की नौसेनाओं पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ एचआई शूटन ने अपनी वेबसाइट Covert Shores में इस पनडुब्बी को लेकर काफी कुछ बताया है। शूटन के अनुसार, 14 जनवरी 2020 को कराची के पीएनएस इकबाल नौसैनिक अड्डे पर आयोजित पाकिस्तान नेवी सील कोर्स की पासिंग आउट परेड के एक वीडियो में इस पनडुब्बी को देखा गया था।

कराची नौसैनिक अड्डे पर है तैनात
कराची में स्थित पीएनएस इकबाल पाकिस्तानी स्पेशल फोर्स एसएसजी के नौसैनिक विंग का हेडक्वार्टर भी है। यह वही नेवल बेस है जिसे भारतीय नौसेना ने 1971 के युद्ध में बर्बाद कर दिया था। भारत के खिलाफ सभी युद्धों में यह नौसैनिक बेस पाकिस्तानी नौसेना की रीढ़ रही है। भारत के सबसे नजदीक होने के कारण पाकिस्तान कराची नौसैनिक अड्डे पर अपने कई घातक हथियारों और युद्धपोतों को तैनात करके रखा हुआ है।

55 फीट लंबी है यह पनडुब्बी
यह पनडुब्बी बाकियों की अपेक्षा काफी छोटी है। इसकी लंबाई 55 फीट और गोलाई 5 से 7 फीट के आसपास है। इसमें बाकी पनडुब्बियों की तरह टारपीडो फायर करने के लिए जगह भी दिखती है। यह पनडुब्बी पहली बार 2016 में देखी गई थी। पाकिस्तान डिफेंस प्रॉडक्शन डिवीजन की किताब में इसे स्वदेशी तकनीकी पर बनी हुई बताया गया है।

भारत के लिए क्यों है खतरा
पाकिस्तान की यह मिनी पनडुब्बी आकार में काफी छोटी है। ऐसे में यह भारतीय समुद्री इलाके में आसानी से घुसपैठ कर सकती है। छोटी होने के कारण सोनार सिस्टम और रडार भी इसे आसानी से पकड़ नहीं सकते हैं। हालांकि, यह केवल खुफिया मिशन और इलाके की टोह लेने जैसे काम ही कर सकती है। इससे पाकिस्तान किसी बड़े मिशन को अंजाम नहीं दे सकता है। यह संकरे इलाके में घुसकर खुफिया जानकारी इकट्ठा कर सकती है।

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