नागपुर: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने टेरर फंडिंग में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके साथ सभी सहयोगी 8 संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. गृह मंत्रालय के इस फैसले के बाद देशभर में सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम भी किए गए हैं. खासकर उन राज्यों में ज्यादा कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, जहां पर इस संगठन का ज्यादा प्रभाव माना जाता है.
TOI में प्रकाशित खबर के मुताबिक नागपुर के महल स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय (RSS HQ) की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. साथ ही शहर के सभी खास प्रतिष्ठानों में सुरक्षा के और कड़े इंतजामात किए गए हैं. हालांकि इस सुरक्षा व्यवस्था को पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने मौजूदा फेस्टिव सीजन (Festive Season) के चलते किया जाना बताया है.
आयुक्त ने कहा कि शहर में सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है जिसमें आरएसएस मुख्यालय भी शामिल है. यह सबकुछ मौजूदा त्योहारी सीजन के चलते किया गया है. बताते चलें कि केंद्रीय जांच एजेंसियों को प्रतिबंधित किए गए पीएफआई संगठन के टेरर फंडिंग जुटाने और उसके साथ लिंक होने के सबूत मिले हैं.
इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को इस संगठन के समेत 8 सहयोग संगठनों पर भी 5 साल के लिए प्रतिबंध लगाया है. इस संबंध में एक गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है. गृह मंत्रालय के इस फैसले के बाद राजनीतिक, गैर-राजनीतिक और धार्मिक संगठनों की ओर से मिली जुली प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. साथ ही राज्यों को सुरक्षा को लेकर भी अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है.
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि पीएफआई और उसके कार्यकर्ताओं पर देशभर में की गई कार्रवाई का इस सुरक्षा को बढ़ाए जाने के फैसले से संबंध नहीं है. कुमार ने कहा कि आरएसएस मुख्यालय ए कैटेगिरी का महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान है, जोकि सुरक्षा के लिहाज से उच्च प्राथमिकता में है. उन्होंने कहा कि खास प्रतिष्ठानों का सुरक्षा ऑडिट नियमित आधार पर किया जाता है.
सीपी ने यह भी कहा कि आरएसएस हेडक्वार्टर के अलावा उन सभी जगहों की सुरक्षा को बढ़ाया गया है, जहां पर खास दिनों में लोगों की आवाजाही होने की ज्यादा संभावना होती है. उन्होंने यह भी कहा कि ड्रैगन पैलेस मंदिर हो या दीक्षाभूमि, हर जगह सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
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