पेरिस। चर्च में बड़े पैमाने पर यौन उत्पीड़न के मामलों (sexual harassment cases) के पर्दाफाश के बाद आलोचनाओं का सामना कर रही फ्रांस सरकार (French government) ने बिशप कांफ्रेंस के प्रमुख को उनके एक विवादित बयान के सिलसिले में समन जारी (Summons issued to the head of the bishop’s conference) किया है। बिशप ने कहा है कि चर्च में आरोपित द्वारा स्वीकार किया गया अपराध (कन्फेशन) कानून से ऊपर है।
मांसिग्नर एरिक डी मौलिंस-ब्यूफोर्ट (Mansigner Eric de Moulins-Beaufort) ने बुधवार को फ्रांस-इन्फो रेडियो पर कहा था कि कबूलनामे की गोपनीयता गणतंत्र के कानूनों से अधिक अहम है। बिशप ने स्वतंत्र जांच आयोग की तरफ से मंगलवार को जारी उस रिपोर्ट के संदर्भ में बयान दिया था, जिसमें कहा गया है कि वर्ष 1950 के बाद के 70 वर्षो में फ्रांस के चर्च में 3.30 लाख बच्चों का यौन उत्पीड़न किया गया। रिपोर्ट में कहा गया था कि इन यौन उत्पीड़न की घटनाओं को बहुत ही सुनियोजित तरीके से छिपाया गया। आयोग ने चर्च से फ्रांस के कानून का सम्मान करने की अपील की थी।
सरकार के प्रवक्ता गैब्रिल एटल ने गुरुवार को बलपूर्वक कहा कि फ्रांस के कानून से कुछ भी ऊपर नहीं है। बिशप को अगले हफ्ते गृह मंत्री गेराल्ड डरमैनिन से मिलने को कहा गया है।
फ्रांस पारंपरिक रूप से रोमन कैथोलिक देश है, लेकिन वहां 1905 के कानून के अनुसार चर्च को देश से अलग रखते हुए सख्त पंथनिरपेक्ष सार्वजनिक जीवन का अनुपालन किया जाता है। कैथोलिक मान्यता के अनुसार, कन्फेशन की गोपनीयता पवित्र है। कैथोलिक चर्च ने यौन उत्पीड़न के आरोपितों द्वारा किए गए कन्फेशन की जानकारी देने से इन्कार कर दिया है। Share: