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अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर धड़ाम, एक घंटे में डूबे 52000 करोड़ रुपये

नई दिल्ली: अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों को चार महीने बाद आज फिर एक बार तगड़ा झटका लगा है. आज के झटके के पीछे भी अमेरिका से ही आई एक खबर का हाथ है. अमेरिकी शेयर बाजार नियामक और ब्रुकलिन और न्यूयॉर्क अटॉर्नी ऑफिस द्वारा अडानी ग्रुप कंपनियों में निवेश करने वाले संस्थागत निवेशकों से कुछ जानकारियां मांगे जाने की खबर आने के बाद सभी अडानी स्‍टॉक्‍स में तेज गिरावट आई. इस फिसलन का असर यह हुआ कि ग्रुप का बाजार पूंजीकरण.

शेयर बाजार में कारोबार चालू होने के एक घंटे बाद ही 52000 करोड़ रुपये कम हो गया. एक बार तो ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises share Price) का शेयर 11 फीसदी के करीब फिसलकर 2,163.30 रुपये के भाव पर आ गया. हालांकि, बाद में इसमें कुछ रिकवरी हुई और यह शेयर दोपहर 2:20 बजे 7.10 फीसदी गिरकर 2227 रुपये पर कारोबार कर रहा था.

अडानी समूह के मार्केट कैप में यह चार महीने की सबसे बड़ी गिरावट है. पिछली बार 9 फरवरी को भी ऐसे ही मार्केट कैप तेज से फिसला था जब यह 59,538 करोड़ रुपये गिरा था. आज अडानी ग्रुप की कंपनी एसीसी का स्‍टॉक 3 फीसदी, अडानी ग्रीन एनर्जी 3 फीसदी, अडानी पोर्ट्स 5 फीसदी, अडानी पावर 5 फीसदी, अडानी टोटल गैस 4 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन 8 फीसदी, अडानी विल्मर 3 फीसदी, अंबुजा सीमेंट 3 फीसदी और एनडीटीवी भी 3 फीसदी टूट गया.


ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि अमेरिकी जांच एजेंसियां हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद इस ग्रुप के अमेरिकी निवेशकों से बात कर रहे हैं. अमेरिका की ब्रुकलिन और न्यूयॉर्क अटॉर्नी ऑफिस ने इस ग्रुप कंपनियों में निवेश करने वाले संस्थागत निवेशकों से कई जानकारी मांगी है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका की मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) भी ऐसी ही जांच कर रहा है. हालांकि, अमेरिका की अटॉर्नी की ओर से जानकारी मांगने और सवाल पूछने का मतलब यह नहीं है कि किसी तरह की कानूनी कार्रवाई होनी तय है. ये एजेंसियां कई बार जांच शुरू तो करती हैं, लेकिन इसका का निष्कर्ष नहीं निकलता है.

अडानी एंटरप्राइजेज ने अब एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि EdgeConneX के साथ इसने 50-50 हिस्सेदारी का जो ज्वाइंट वेंचर AdaniConneX तैयार किया है, उसके लिए 21. 3 करोड़ डॉलर के कर्ज का प्रबंध उसने इंटरनेशनल बैंकों से कर लिया है. जानकारी के मुताबिक नोएडा और चेन्नई में इसका 67 मेगावॉट का डेटा सेंटर बन रहा है. इनके लिए ही कंपनी यह कर्ज जुटा रही है. आईएनजी बैंक एनवी, मिजुहो बैंक, एमयूएफजी बैंक, नैटिक्सिस, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन लोन देने के लिए तैयार हो गए हैं.

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