इंदौर न्यूज़ (Indore News)

शास्त्री ब्रिज नया बनेगा

  • रेलवे प्लेटफार्म सीधा करने और पटरियां बढ़ाने के लिए रेल अधिकारियों की कवायद, स्टेशन रिडेवलपमेंट में शास्त्री ब्रिज का पेंच सुलझाने अगले हफ्ते इंदौर आएंगे रेलवे अफसर
  • आड़े-तिरछे प्लेटफार्म सीधे करने के लिए ब्रिज तोडऩा जरूरी

इंदौर (indore)। शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन (main railway station) के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में शास्त्री ब्रिज (Shastri Bridge) का पेंच बरकरार है। इंदौर स्टेशन के आड़े-तिरछे प्लेटफार्म सीधे करने और थ्रू लाइन बिछाने के लिए ब्रिज के स्पान चौड़े करना जरूरी है। अभी शास्त्री ब्रिज के रेलवे पोर्शन में बॉटल नेक के कारण नई लाइन बिछाने या प्लेटफार्म सीधे करने की जगह नहीं मिल पा रही है। इसी उलझन को सुलझाने के लिए रेलवे अफसर इंदौर आने की तैयारी में है। वे स्थानीय अफसरों से शास्त्री ब्रिज की जगह नया ब्रिज बनाने के विषय पर चर्चा करेंगे।

रेल मंत्रालय ने इंदौर रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट के लिए करीब 1000 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बनाया है। इसके तहत मुख्य स्टेशन और पार्क रोड स्टेशन के पुनर्विकास व आधुनिकीकरण के साथ सरवटे बस स्टैंड रोड के पार रेलवे की जमीन के व्यावसायिक विकास की योजना बनाई गई है। तय कार्यक्रम के मुताबिक पहले इस काम के टेंडर 15 फरवरी को होना थे, लेकिन इंदौर नगर निगम स्तर पर स्टेशन रिडेवलपमेंट की ड्राइंग-डिजाइन का एप्रूवल रेलवे को अभी नहीं मिला है। यही वजह है कि टेंडर प्रक्रिया कुछ देरी से शुरू होगी। हालांकि, रेलवे सूत्रों के अनुसार इससे काम शुरू होने की डेडलाइन में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। 15 जून तक ठेकेदार एजेंसी चुनकर काम सौंपा जाना है और तब तक रेलवे तमाम प्रक्रिया पूरी कर लेगा।


इसलिए जरूरी है नया ब्रिज बनाना
अभी इंदौर स्टेशन पर थ्रू लाइन नहीं है। इस कारण इंजन रिवर्सल के लिए एक प्लेटफार्म खाली रखना पड़ता है। इसी तरह टीही से आने वाली मालगाडिय़ों के आवागमन के दौरान भी एक लाइन खाली रखना पड़ती है। इससे इंदौर स्टेशन का एक प्लेटफार्म हमेशा इंगेज रहता है और इंदौर से शुरू होने या टर्मिनेट होने वाली ट्रेनों को उस पर नहीं लिया जा सकता। भविष्य में जब इंदौर-दाहोद, छोटा उदेपुर-धार नई लाइन, महू-सनावद बड़ी लाइन परियोजनाएं पूरी होंगी और कई ट्रेनें इंदौर बिना रुके गुजरेंगी, तो इससे रेलवे को परिचालन संबंधी दिक्कतें आएंगी। उसी को देखते हुए थ्रू लाइन जरूरी है। दूसरी परेशानी यह है कि इंदौर के दो, तीन और चार नंबर प्लेटफार्म अभी अत्यधिक घुमाव वाले हैं। इससे यात्रियों के गिरने का खतरा हमेशा रहता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए प्लेटफार्म सीधे करना जरूरी है, लेकिन शास्त्री ब्रिज के पिलर आड़े आ रहे हैं। नया ब्रिज बनेगा, तो रेल लाइन के ऊपर ब्रिज का स्पान ज्यादा चौड़ाई वाला बनाया जा सकेगा। इससे रेलवे की कई तकनीकी परेशानियां दूर हो सकेंगी।

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