शीतला माता को स्वास्थ्य और स्वच्छता की देवी माना जाता है। माता शीतला को रोगों से बचाने वाली देवी कहा गया है। हिंदू धर्म के अनुसार भाद्रपद मास (Bhadrapada month) के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को माता शीतला का व्रत रखते हैं। इसे शीतला सप्तमी व्रत कहते हैं। हिंदी पंचांग के अनुसार, शीतला सप्तमी(Sheetala Saptami) का व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को रखा जाएगा। यह तिथि कल यानि 29 अगस्त को है। माता शीतला अपने एक हाथ में जल का कलश और दूसरे हाथ में झाडू, सूप और पत्ते सहित नीम की टहनी धारण किये रहती हैं। मां शीतला गधे की सवारी करती हैं। मान्यता है कि शीतला सप्तमी के दिन व्रत रख कर जो भी माता शीतला (Mata Sheetla) का पूजन करता है, उसके घर से रोग और बीमारियां (diseases) हमेशा दूर रहती हैं।
शीतला सप्तमी व्रत शुभ मुहूर्त
शीतला सप्तमी व्रत भादो महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार, सप्तमी तिथि आज 28 अगस्त को रात 8 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर, 29 अगस्त को 11 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। व्रत में उदया तिथि लिए जाने के कारण शीतला सप्तमी का व्रत 29 अगस्त, दिन रविवार को रखा जाएगा।
शीतला सप्तमी व्रत पूजा विधि
शीतला माता को आरोग्य और स्वच्छता (Cleanliness) की देवी माना जाता है। इनका व्रत रखने से और पूजा करने से घर की बीमारियां दूर हो जाती है। इनकी पूजा के लिए सुबह प्रातः काल उठकर घर की सफाई कर लेनी चाहिए। उसके बाद घर के सभी जानवरों को भी नहलाना चाहिए। माता की पूजा (worship) में बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। शीतला मां को गुड़ और चावल से बने पदार्थ का भोग लगाया जाता है। इस दिन पूरे परिवार को बासी भोजन करना चाहिए।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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