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सात में से छह नई रक्षा कंपनियां घाटे से उबरीं, 8400 करोड़ रुपये से अधिक का किया कारोबार

नई दिल्ली। देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से भारत सरकार की तरफ से बनाई गई सात नई रक्षा कंपनियों ने स्थापना की पहली छमाही में शानदार नतीजे पेश किए हैं। केंद्र से मिली करीब 7.75 हजार करोड़ की पूंजी से व्यापार शुरू करने वाली इन कंपनियों ने अपनी पहली छमाही में 8,400 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है। भारत मोटे तौर पर अपनी रक्षा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहा है।

व्यापारिक दक्षता की चुनौतियों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने जून 2021 में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) को रक्षा मंत्रालय के अधीन एक विभाग के तौर पर संबद्ध किया, इसके बाद एक अक्तूबर, 2021 को इसे भंग कर दिया। इसकी जगह विजयदशमी के दिन 15 अक्टूबर, 2021 को सात रक्षा कंपनियों का लोकार्पण किया गया।

इन सात कंपनियों में से यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) को छोड़कर, शेष छह कंपनियों म्यूनीशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (अवनी), एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्लूई इंडिया), ट्रूप कंफर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल), इंडिया ऑपटेल लिमिटेड (आईओएल) और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) ने लाभ दर्ज किया है।


ओएफबी के ऑर्डर भी होंगे पूरे : इन कंपनियों को ओएफबी को दिए गए 70,776 करोड़ के ऑर्डर संविदा के तौर पर सौंपे गए हैं। 2021-22 के ऑर्डर पूरे करने के लिए इन कंपनियों को सरकार ने 7,765 करोड़ उधार दिए गए हैं, ताकि व्यापार शुरू करने से पहले 60% तैयारी की जा सके। इसके अलावा पूंजी खर्च और इक्विटी के लिए मौजूदा वित्तवर्ष के दौरान सात नई कंपनियों को 2,765.95 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
निर्यात ऑर्डर भी मिलने लगे : कंपनियों को 3,000 करोड़ के घरेलू व 600 करोड़ रुपये के निर्यात ऑर्डर मिले हैं। सबसे बड़ा 500 करोड़ रुपये निर्यात ऑर्डर एमआईएल को मिला। वाईआईएल ने एक्सल बनाने के लिए भारतीय रेल से 251 करोड़ का ऑर्डर लिया है।

पहली छमाही के शानदार नतीजे
नई रक्षा कंपनियों के एक अक्तूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक के लाभ-हानि को देखें तो बेहद कम समय में अच्छे नतीजे दिए हैं। एमआईएल व्यापार की शुरुआत करने से पहले 677.33 करोड़ के घाटे में थी, जो अब करीब 28 करोड़ के लाभ में हैं। एवीएनएल को 164.33 करोड़ का घाटा हुआ था, जो अब 33.09 करोड़ रुपये के लाभ में है। आईओएल 5.67 करोड़ रुपये के घाटे में थी, अब 60.44 करोड़ के मुनाफे में है।

वाईआईएल 348.17 के घाटे में थी, इसका घाटा कम होकर 111.49 करोड़ रुपये रह गया है। एडब्लूईआईएल 398.5 करोड़ रुपये के घाटे से उबरकर 4.84 करोड़ रुपये के मुनाफे में हैं। जीआईएल ने 43.67 करोड़ रुपये का घाटा पूरा कर13.26 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया है। टीसीएल शुरुआत में 138.17 करोड़ रुपये के घाटे में थी, जो अब 26 करोड़ रुपये के लाभ में है।

कायापलट करने वाला कदम
कंपनियों ने पहले छह माह में ही गैर-उत्पादक गतिविधियों में कटौती कर 9.48 फीसदी की बचत की है। रक्षा विशेषज्ञ शिव अरूर का कहना है कि आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) को भंग कर बनाई गईं रक्षा कंपनियों के व्यापार के आंकड़े बेहद उत्साहजनक हैं।

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