- कोरोना का डर दिखाकर 10 फीसदी विधायकों से सत्र बुलाने की तैयारी
भोपाल। देश में कोरोना का भय धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। स्कूल-कॉलेजों से लेकर सभी संस्थाओं में कामकाज सामान्य हो गया है। जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। राजनीतिक दलों के कार्यक्रम हो रहे हैं। चुनावों में नेताओं की अच्छी खासी भीड़ उमड़ रही है, लेकिन लोकसभा औेर विधानसभा सत्र पर कोरोना का खतरा अभी बरकरार है। केंद्र सरकार ने लोकसभा का शीतसत्र बुलाने से इंकार कर दिया है। अब मप्र में भी विधानसभा सत्र की खानापूर्ति करने की तैयारी है। पिछली बार की तरह इस बार भी महज 10 फीसदी विधायक बुलाकर सत्र की औपचारिकता पूरी की जा सकती है। यदि ऐसा हुआ तो इस बार भी स्पीकर का चुनाव टल जाएगा। विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा नहीं चाहते हैं कि सत्र सामान्य तरीके से आहूत हो। विधायक की पूरी संख्या रहे। यदि ऐसा होता है तो फिर स्पीकर का चुनाव कराना पड़ेगा। प्रोटेम स्पीकर चाहते हैं कि पिछली बार की तरह इस बार भी कोरोना का भय बताकर सत्र को सीमित कर दिया जाए। यानी सिर्फ 10 फीसदी विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य करके सत्र बुलाया जाए। हालांकि इस पर अभी सहमति नहीं बनी है। जल्द ही स्पीकर ने सत्र को लेकर दूसरे दलों की बैठक बुलाई है। जिसमें यह फैसला लिया जाएगा।पिछले बार भी सत्र को लेकर बैठक बुलाई गई थी। जिसमें कोरोना की वजह से सत्र नहीं बुलाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ समेत अन्य सभी दलों के नेताअेां ने सहमति दे दी थी।
संसदीय कार्यमंत्री से मिल चुक हैं स्पीकर
प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा मप्र विधानसभा के सबसे ज्यादा समय तक प्राटेम स्पीकर रहने वाले विधायक बन गए हैं। वे अब विधानसभा अध्यक्ष बनना चाहते हैं। इसके लिए वे कई बार गृह एवं संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि मिश्रा ने अभी तक शर्मा को किसी तरह का आश्वासन भी नहीं दिया है।
कई दावेदारों के नाम
विधानसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा के कई दावेदार विधायकों के नाम हैं। जिनमें पूर्व स्पीकर सीताशरण शर्मा शामिल हैं। इसके अलावा केदारनाथ शुक्ल, राजेन्द्र शुक्ल, अजय विश्नोई का नाम भी शामिल है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा संगठन भी चाहता है कि इस बार भी स्पीकर का चुनाव टल जाए। जिससे निकाय चुनाव भी हो जाएंगे। फरवरी-मार्च में होने वाले बजट सत्र के दौरान स्पीकर का चुनाव हो।
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