- 15 प्रतिशत उपस्थिति से सदन चलाने की कवायद
भोपाल। इस महीने होने वाले विधानसभा सत्र में स्पीकर का चुनाव नहीं होगा। इस मामले में आज विधानसभा परिसर में हुई सर्वदलीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी तय हुआ कि कोरोना को देखते हुए विधानसभा सत्र में विधायकों की उपस्थिति न्यूनतम रखी जाए। विधायकों का कोरम 15 प्रतिशत है। इतने ही विधायकों से सदन चलाने पर भाजपा और कांग्रेस में सहमति बन गई है। विधानसभा सत्र के संचालन के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इसमें केवल कांग्रेस और भाजपा को ही आमंत्रित किया गया था। भाजपा चाहती थी कि 21 से 23 सितंबर तक चलने वाले सत्र में स्पीकर का चुनाव टाला जाए। जबकि कांग्रेस के कई विधायक स्पीकर का चुनाव कराने पर अड़े हुए थे। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेताप्रतिपक्ष कमलनाथ ने आपसी सहमति से विस के उपचुनाव तक स्पीकर का चुनाव टाल दिया है। भाजपा के सामने स्पीकर चयन को लेकर संकट बना हुआ था, लेकिन अब कमलनाथ की सहमति के बाद भाजपा ने राहत की सांस ली है। अब अगले सत्र तक रामेश्वर शर्मा ही प्रोटेम स्पीकर बने रहेंगे।
बैठक में ये शामिल थे
सर्वदलीय बैठक में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा और वरिष्ठ मंत्री भूपेन्द्र सिंह शामिल हुए। जबकि कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, पूर्व मंत्री विजय लक्ष्मीसाधो और विधायक पीसी शर्मा ने भाग लिया। बैठक के दौरान ही कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी के निधन का समाचार मिलने से बैठक औपचारिकता पूरी कर समाप्त कर दी गई।