एक अग्रणी एज्युकेशन टेक्नालॉजी (education technology) कंपनी ‘स्पीडलैब्स‘ (‘SpeedLabs’) ने अगले छह महीनों में अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स (AI) आधारित व्यक्तिगत शिक्षा प्लेटफॉर्म को लेकर K12 और परीक्षा की तैयारी क्षेत्र में मौजूदा, 200 शहरों से देश भर के 800 शहरों में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने का आयोजन किया है ।
स्पीडलैब्स वर्तमान में एक लाख से अधिक छात्रों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है और 200 शहरों में मौजूद 2500 से अधिक शिक्षकों / कोचिंग भागीदारों के साथ जुड़ा हुआ है, जिसे जल्द ही भारत के 23 राज्यों में स्थित 800 शहरों तक फैलाया जाएगा । वर्तमान में AI प्रैक्टिस प्लेटफॉर्म पर छात्रों के लिए 3 लाख से अधिक प्रश्न उपलब्ध हैं। छात्र इन प्रश्नों को हल करने की प्रैक्टिस कर सकते हैं और शिक्षकों द्वारा उनका मूल्यांकन करा सकते हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर उनके सीखने के प्रदर्शन में सुधार होगा ।
स्पीडलैब्स के संस्थापक एवं सीईओ विवेक वार्ष्णेय ने शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स (AI) और व्यक्तिगत शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हमारा प्लेटफॉर्म AI आधारित एडैप्टिव प्रैक्टिस, एनालिटिकल डैशबोर्ड, व्यक्तिगत सुधार योजना और रिकमंडेशन इंजन उपलब्ध कराता है। इस प्लेटफॉर्म पर सीखने की प्रक्रिया के दौरान छात्रों की गतिविधियों, खूबियों और खामियों के आधार पर एक एआई-संचालित व्यक्तिगत सुधार योजना तैयार की जाती है, जो छात्र और शिक्षक के बीच की खाई को पाटने में मदद करती है। इसके अलावा, पोर्टल के माध्यम से व्यक्तिगत कंटेंट प्रदान करके और छात्र की पर्फॉर्मेंस को ट्रैक करके स्पीडलैब्स छात्र के सीखने की अवस्था के अनुसार कंटेंट को क्यूरेट और कस्टमाइज करता है। AI-आधारित शिक्षा समाधानों के बल पर हम जल्द ही फेशियल पहचान का इस्तेमाल करके छात्रों के हाव-भाव पढ़ने में सक्षम होंगे, और समझेंगे कि उन्हें कब और कहां कठिनाइयां हो रही हैं। बाद में हम उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर पाठों को अनुकूलित और संशोधित कर सकेंगे।”.
विवेक वार्ष्णेय ने आगे बताया, “हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार – वर्ष 2024 तक लर्निंग मैनेजमेंट के 47% टूल आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स (AI) आधारित हो जाएंगे। साथ ही, एज्युकेशन इंडस्ट्री में 2019-25 के दौरान AI के 40.3% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है। आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस के प्रयोग से प्रशासनिक कार्यों का ऑटोमेशन हो रहा है और इससे शिक्षक अपने समय का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकेंगे। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने और स्मार्ट कंटेंट के रूप में इसे बड़ी आबादी तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। डिजिटल पाठ्य पुस्तकों और अध्ययन गाइड के रूप में डिजिटल पाठ तैयार किए जा सकते हैं, जिसका उद्देश्य दिलचस्पी बढ़ाना है।
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