उज्जैन: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) में स्थित चक्रतीर्थ श्मशान घाट 60 फीट ऊंचा सुदर्शन चक्र (sudarshan chakra) स्टैच्यू स्थापित किया जाएगा. यह सूदर्शन चक्र दूर से ही जन्म-मृत्यु के अंतिम पड़ाव और मोक्ष की पौराणिक कथा को बयां करेगा. चक्रतीर्थ श्मशान घाट पर लगने वाला सुदर्शन चक्र सिर्फ एक प्रतिमा नहीं होगी, बल्कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए मोक्ष-मार्ग के विज़ुअल टूर का केंद्र बनेगी.
उज्जैन नगर निगम ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 80 लाख रुपये के बजट को अंतिम रूप दे दिया है और टेंडर भी फाइनल कर दिया गया है. 60 फीट ऊंचा और 15 फीट चौड़ा यह सुदर्शन चक्र शिप्रा नदी के मुहाने पर 40 फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित किया जाएगा. सबसे खास बात यह है कि इसकी स्वर्णिम चमक इतनी प्रभावशाली होगी कि यह 3 से 5 किलोमीटर दूर से भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगी.
इंजीनियरिंग टीम ने प्रतिमा का ड्रॉइंग और डिजाइन लॉक कर दिया है. अब फाइबर-रिइन्फोर्स्ड कंक्रीट (FRC) से ढलाई और ब्रॉन्ज फिनिश का काम बराबर चलता रहेगा. इस प्रोजेक्ट में केवल प्रतिमा ही नहीं, बल्कि साइट पर लाइट-साउंड शो और ड्रोन-मेडियेशन व्यू-पॉइंट का भी प्लान है. इसके तहत हर शाम महाकाल के मंत्रों के साथ चक्रतीर्थ की कथाएं आसमान पर प्रोजेक्ट की जाएंगी, जिससे यह एक दिव्य अनुभव बन जाएगा.
नगर निगम कमिश्नर विनोद शर्मा का कहना है कि यह सुदर्शन चक्र स्टैच्यू सिर्फ एक प्रतिमा नहीं, बल्कि उज्जैन शहर का एक नया पहचान चिन्ह होगा. माना जाता है कि चक्रतीर्थ जन्म-मृत्यु के चक्र की आखिरी सीढ़ी है, और यह स्मारक अब इस पवित्र भूमि की पौराणिक पहचान को एक आधुनिक और भव्य तरीके से दोहराएगा, जो दर्शकों को मोक्ष के मार्ग का एक अद्वितीय विज़ुअल टूर प्रदान करेगा.
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