ब्‍लॉगर

स्मारकः सभ्यता और संस्कृति के पुरातात्विक साक्ष्य

– हृदयनारायण दीक्षित प्रकृति सदा से है। आनंद सभी प्राणियों की आदिम अभिलाषा है। चार्ल्स डारविन ने ‘दि ओरीजिन ऑफ दि स्पेसिस एण्ड दि रिजेन्टमेन्ट’ में लिखा “प्राणियों को भावोत्तेजन में आनंद आता है।” भावोत्तेजन के उपकरण प्रकृति में हैं। यहां रूप, रस, गंध, शब्द और स्पर्श का अविनाशी कोष है। भाव का केन्द्र मनुष्य […]