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मध्यप्रदेश में सबसे पहले जनजातियों ने फूंका था आजादी के संघर्ष का बिगुल

– रंजना चितले भारत की संस्कृति, स्वाभिमान और स्वायत्तता के लिए जितना बलिदान और संघर्ष जनजातियों का है, वैसा उदाहरण संसार में कहीं नहीं मिलता। भारत में प्रत्येक विदेशी आक्रमणकारी के विरुद्ध जनजातियों ने सबसे पहले शस्त्र उठाये हैं। यदि देशी सत्तायें पराभूत हुईं हैं तो उन्हें संरक्षण देने का कार्य भी जनजातियों ने ही […]