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उपासना की गहन अनुभूति में सृष्टि का कण-कण शिव

– हृदयनारायण दीक्षित वाराणसी ज्ञानवापी वाद मे शिवलिंग की चर्चा है। गैरजानकार शिवलिंग का वास्तविक अर्थ ही नहीं जानते। भारतीय ज्ञान धर्म परंपरा में लिंग का अर्थ प्रतीक है। भारतरत्न डा. वामन पांडुरंग वामन काणे ने धर्म परंपरा पर विश्वविख्यात ग्रंथ धर्मशास्त्र का इतिहास लिखा है। उन्होंने शिवलिंग को शिव प्रतीक बताया है। (धर्मशास्त्र का […]

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वेदः जीवन की प्रगाढ़ अनुभूति से जन्मी कविता

– हृदय नारायण दीक्षित आधुनिक विश्व में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की महत्ता है। सही भी है। दर्शन और विज्ञान अंधविश्वासों से मुक्त करते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने वाले लोग पंथिक आस्था और विश्वासों को लेकर प्रश्न उठाते हैं। अनेक प्रगतिशील विद्वान भारत के धर्म को भी विश्वास की श्रेणी में रखते हैं। वे वेदों को […]