ब्‍लॉगर

यह संसार शब्दों का ही मेला है

– हृदयनारायण दीक्षित शब्दों की भीड़। दशों दिशाओं से हमारी ओर आते गतिशील शब्द। पूरब से आते शब्द पश्चिम से आते शब्दों से टकराते हैं, मिलते हैं। इसी तरह उत्तर दक्षिण सहित सभी दिशाओं से भी। भारतीय चिन्तन में आकाश का गुण शब्द कहा गया है। शब्द ध्वनि ऊर्जा हैं। शब्द पहले अरूप थे। लिपि […]