ब्‍लॉगर

संस्कृति के चार अध्यायः दिनकर की सांस्कृतिक चेतना का महाकाव्य

– सुरेंद्र कुमार राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को उनके जन्मदिवस (23 सितम्बर) पर याद किया जा रहा है। दिनकर को याद करना न सिर्फ समाज और राजनीति को नई दिशा देने के लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकता है, बल्कि लेखकों को भी उनके दायित्व बोध का अहसास कराने में अहम साबित हो सकता है। दिनकर […]