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भारतीय ज्ञान परंपरा और विश्व कल्याण की प्रेरणा

– हृदयनारायण दीक्षित हिन्दू सारी दुनिया में ज्ञान और दर्शन के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। ज्ञान यहाँ पवित्र विषय रहा है। ज्ञान से सभी रहस्यों का अनावरण होता है। ज्ञान से धर्म सधता है। ज्ञान से अर्थ, काम और मोक्ष मिलते हैं। हिन्दू ज्ञान अभीप्सु राष्ट्रीयता हैं। जड़ों से उखड़े वृक्षों पर फूल नहीं खिलते। […]

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काल और भारतीय ज्ञान परंपरा

– हृदय नारायण दीक्षित भारतीय ज्ञान परम्परा में काल की प्रतिष्ठा है। काल उपास्य है। माना जाता है कि जीवन काल के अधीन है। वैदिक साहित्य से लेकर रामायण महाभारत तक काल की चर्चा है। ऋग्वेद(1.64.2) में कहते हैं, ‘‘तीन नाभियों वाला कालचक्र गतिशील, अजर और अविनाशी है। इसके भीतर सभी लोक विद्यमान हैं।‘‘ पृथ्वी, […]

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भारतीय ज्ञान परम्परा और भाषा को बंधक से छुड़ाने का अवसर

– गिरीश्वर मिश्र पिछले दिनों काशी में देव दीपावली के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री ने देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति को, जिसे तस्करी में चुराकर एक सदी पहले कनाडा की रेजिना यूनिवर्सिटी के संग्रहालय को पहुंचा दिया गया था, बंधक से छुड़ाकर देश को वापस सौंपे जाने की चर्चा की थी। तब वहां के कुलपति टामस […]