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मन में वृंदावन

– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री भारतीय दर्शन में अवतारों के शिशु रूप की बड़ी महिमा है। भगवान शिव जी तो इस रूप के दर्शन करने को भेष बदल कर अयोध्या गए थे, जहां प्रभु राम शिशु रूप में लीला कर रहे थे। श्रीकृष्ण की लीला तो अति आकर्षक है। भक्त कवियों ने उनके इस रूप का […]

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श्रीकृष्णः स्वतंत्र मूल्यों के पक्षधर

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष – प्रमोद भार्गव प्राचीन संस्कृत साहित्य की मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण दस अवतारों में से एकमात्र सोलह कलाओं से निपुण पूर्णावतार थे। कृष्ण को लोक मान्यताएं प्रेम और मोह का अभिप्रेरक मानती हैं। इसीलिए मान्यता है कि कृष्ण के सम्मोहन में बंधी गोपियां अपनी सुध-बुध और मर्यादाएं भूल […]

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्

– गिरीश्वर मिश्र ‘कृष्ण’ यह नाम स्वयं में विलक्षण है। इसका एक प्रचलित अर्थ रंग का बोधक है और काला या श्यामल रंग बताता है पर असली अर्थ जिस रूप में जादू बनकर लोकचित्त में छाया हुआ है वह है- ‘जो अपनी ओर खींचता रहता है।’ कृष्ण की जितनी छवियां हम सब भारतीयों के मन […]