ब्‍लॉगर

धर्मनिरपेक्षता के मायने समझे समाज

– सुरेश हिंदुस्थानी किसी भी देश के शक्तिशाली होने के अपने निहितार्थ हैं। इन निहितार्थों का मन, वाणी और कर्म से अध्ययन किया जाए तो जो प्राकट्य होता है, वह यही कि सबके भाव राष्ट्रीय हों, सबके अंदर एक-दूसरे के प्रति सामंजस्य भाव की प्रधानता हो, लेकिन वर्तमान में समाज के बीच सामंजस्य के प्रयास […]