– सियाराम पांडेय ‘शांत’ आजाद भारत में अभीतक केवल तीन बार शिक्षा नीति में बदलाव की जरूरत महसूस हुई, वह भी अंशत:। पहली बार इंदिरा गांधी, फिर राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हाराव ने इसपर सोचा। यह चौथा अवसर है जब नरेंद्र मोदी सरकार ने शिक्षा नीति में बदलाव का जोखिम लिया है। देश में नई […]