ब्‍लॉगर

सनातन है जीवन का आमंत्रण

– गिरीश्वर मिश्र यह भारत का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि ‘सनातन’ और ‘धर्म’ जैसे अत्यंत व्यापक आशय वाले सदाशायी विचारों को लेकर अर्थ का अनर्थ करने वाली चर्चाएँ चल रही हैं। इन अवधारणाओं का अवमूल्यन हो रहा है। पहले बिना जाने बूझे इन्हें ‘विज्ञान विरोधी’ कहा गया था और उसे आडम्बर और ढोंग की […]