काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर काबिज तालिबान (Taliban) ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. खासकर महिलाएं उसके अजीबोगरीब और क्रूर नियमों की मार सबसे ज्यादा झेल रही हैं. इस बीच, तालिबान सरकार (Taliban Government) ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसकी कुछ हद तक तारीफ की जा सकती है. पर्यावरण प्रेमी तो इस मुद्दे पर तालिबान (Taliban) का साथ देंगे. दरअसल, अफगान सरकार ने जंगलों से लकड़ी काटने पर सख्त सजा (Punishment will be given if caught selling wood) का ऐलान किया है.
पाकिस्तानी न्यूज पोर्टल ‘उर्दूपॉइंट’ की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान (Taliban) की इस्लामिक अमीरात सरकार ने जंगल काटने और लकड़ी बेचने पर पर प्रतिबंध (Ban)लगा दिया है. तालिबान के शीर्ष प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahid) ने कहा है कि इस्लामिक अमीरात की कार्यकारी सरकार ने लकड़ी के व्यापार को गैरकानूनी घोषित कर दिया है. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति कानून तोड़ते हुए पकड़ा जाएगा तो उसे सख्त सजा दी जाएगी.
जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया कि जंगलों को काटना, बेचना और लकड़ी का परिवहन करने पर सख्ती से रोक रहेगी. सुरक्षा एजेंसियों और प्रांतीय अधिकारियों को इसे रोकने के लिए कहा गया है. अफगानिस्तान के कुल क्षेत्रफल के केवल 5 फीसदी हिस्से में ही जंगल हैं. अधिकांश वन देश के पूर्व में पहाड़ी क्षेत्र हिंदू कुश क्षेत्र में स्थित हैं. इस क्षेत्र के पश्तून (Pashtun) ही इन जंगलों के मालिक हैं.
माना जा रहा है कि तालिबान ने इस फैसले से जनजाति क्षेत्रों में रहने वाले पश्तूनों को साधने की कोशिश की है. पश्तून बहुल इलाकों में जंगलों को बचाने की मांग बहुत पहले से की जा रही थी. ऐसे में जंगलों को काटने और लकड़ी के व्यापार पर प्रतिबंध लगाकर तालिबान ने कबायली इलाकों में लोगों के बीच अपनी मौजूदगी का अहसास करवाया है. Share: