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तवांगः चीन की सीमा पर गरजे रक्षा मंत्री, बोले-देश में बनेंगे सभी प्रमुख हथियार

गुवाहाटी/तवांग (Guwahati/Tawang)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत (Country’s security system strong) करने के लिए सरकार सुनिश्चित कर रही है कि सभी प्रमुख हथियार (all major weapons) और प्लेटफॉर्म भारत (India) में ही बनें। रक्षा मंत्री दशहरे के मौके पर अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग में शस्त्र पूजन करने के बाद सेना के जवानों को संबोधित कर रहे थे।

चीन से लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच राजनाथ ने तवांग में अग्रिम चौकियों का दौरा किया। सैनिकों से बातचीत के दौरान राजनाथ ने उनकी अडिग भावना, अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस के प्रति आभार जताया, जो कठिन परिस्थितियों में सीमाओं पर तैनात हैं और हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि देश और उसके नागरिक सुरक्षित रहें।


उन्होंने कहा, पूरे देश को सशस्त्र बलों पर गर्व है और वह उनके साथ खड़ा है। राजनाथ ने सशस्त्र बलों के जवानों की धार्मिकता और धर्म को विजयदशमी के त्योहार के लोकाचार का जीवित प्रमाण बताया।

इससे पहले, सोमवार शाम को रक्षा मंत्री ने असम के तेजपुर में 4 कोर मुख्यालय का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने फॉर्मेशन की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की, जो देश के एकदम पूर्वी हिस्सों में से एक में तैनात है। रक्षा मंत्री को एलएसी पर बुनियादी ढांचे के विकास और अग्रिम पंक्ति में तैनात सैनिकों की परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई।

सशस्त्र बलों ने बढ़ाया देश का कद
रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों की वीरता और प्रतिबद्धता की वजह से भी भारत का कद अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ा है और वह सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है। रक्षा मंत्री ने तवांग युद्ध स्मारक का भी दौरा किया, जहां उन्होंने 1962 के युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे भी थे।

द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीयों ने दिखाई ताकत
जवानों से बातचीत के दौरान अपने हालिया इटली दौरे का हवाला देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने मोंटोन स्मारक (पेरुगिया प्रांत) का दौरा किया, जिसे नाइक यशवंत घाडगे और अन्य भारतीय सैनिकों के योगदान की स्मृति में बनाया गया है। वे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मोंटोन को मुक्त कराने के इतालवी अभियान में शामिल थे। उन्होंने कहा कि न केवल भारतीय, बल्कि इतालवी भी स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं, जो इसका प्रमाण है कि भारतीय सैनिकों की बहादुरी का लोहा दुनिया भी मानती है।

रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भरता घटी
रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से देश की सैन्य शक्ति मजबूत करने के प्रयासों को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रक्षा में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है। पहले हम अपनी सेना को उन्नत करने के लिए आयात पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब प्रमुख हथियारों और प्लेटफार्मों का निर्माण देश के भीतर ही किया जा रहा है।

करोड़ों रुपये की सैन्य सामग्री कर रहे निर्यात
रक्षा मंत्री ने कहा, विदेशी कंपनियों को अपनी तकनीक साझा करने और घरेलू उद्योग के साथ भारत में उपकरण का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 2014 में रक्षा निर्यात का मूल्य लगभग 1,000 करोड़ रुपये था, लेकिन आज हम हजारों करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं। बच्चों में यह कमी उनके मानसिक और शारीरिक विकास में बाधक है। ऐसे में हम सबको मिलकर बच्चों के विकास के लिए उनके खाने में विटामिन, आयरन आदि की मात्रा बढ़ानी होगी।

हर तीन महीने के बाद मेन्यू में बदलाव करें
वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हर तीन महीने के बाद मेन्यू में बदलाव करें, ताकि बच्चों के खाने में नयापन रहे। इसके लिए रसोइयों और शिक्षकों को ट्रेनिंग दिलवाएं। अभिभावकों को भी साथ में रखें, ताकि उनके सुझाव पर काम हो सके। इसमें डाइटिशियन भी मदद ली जा सकती है।

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